Chandrayaan 2, Moon Landing, Rover Name, Live Landing on Hotstar: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी ISRO (Indian Space Research Organisation) के बेहद महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट चंद्रयान -2 के लिए आज एक अहम दिन है और भारत समेत पूरी दुनिया की नज़रें फिलहाल चंद्रयान पर टिकी हैं। आज रात चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला है। ऐसे में कुछ सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब जानना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है। आइये देखते हैं चंद्रयान -2 से जुड़े सबसे रोचक सवाल और उनके जवाब।

चंद्रयान -2 के लक्ष्य क्या हैं?
चंद्रयान -2 का लक्ष्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करना और सतह का अध्ययन करने के लिए एक रोवर उतारकर चंद्रयान -1 के वैज्ञानिक उद्देश्यों को पूरा करना है। चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का उपयोग करेगा जो दो गड्ढों- मंज़िनस सी और सिमपेलियस एन के बीच वाले मैदान में लगभग 70° दक्षिणी अक्षांश पर सफलतापूर्वक लैंडिंग का प्रयास करेगा।

क्‍या चंद्रमा पर पानी मिलने की संभावना है?
हां। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव की सतह का बड़ा हिस्सा उत्तरी ध्रुव की तुलना में अधिक छाया में रहता है। इसके चारों ओर स्थायी रूप से छाया में रहने वाले इन क्षेत्रों में पानी होने की संभावना है।

ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ कितनी है?
ऑर्बिटर की मिशन लाइफ एक वर्ष है जबकि लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) की मिशन लाइफ एक चंद्र दिन है जो पृथ्वी के चौदह दिनों के बराबर है।

चंद्रयान -1 से कैसे अलग है चंद्रयान -2?
चंद्रयान -2 चंद्रमा की सतह पर अपने विक्रम मॉड्यूल को सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास करेगा और कई वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए चंद्रमा पर छह पहियों वाला रोवर, प्रज्ञान को उतारेगा। चंद्रयान -1 का लिफ्टऑफ मॉस 1380 किलोग्राम था जबकि चंद्रयान -2 का 3850 किलोग्राम है।

चंद्रयान -2 पर कितने यंत्रों पर ले जाया गया है?
ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह के मैपिंग के लिए आठ साइंटिफिक पेलोड लेकर गया है और जिससे चंद्रमा के एक्सोस्फीयर (बाहरी वातावरण) का अध्ययन किया जाएगा। लैंडर चंद्रमा की सरफेस और सबसरफेस पर विज्ञानिक प्रयोगों के लिए तीन साइंटिफिक पेलोड लेकर गया है। रोवर ने चांद की सतह के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने के लिए दो पेलोड लेकर गया है।

चंद्रयान -2 को लॉन्च करने के लिए किस लॉन्च वाहन का इस्तेमाल किया गया है?
चंद्रयान -2 को GSLV MK-III M1 लॉन्च वाहन द्वारा लॉन्च किया गया है।

रोवर चंद्रमा पर कितनी दूर यात्रा करेगा?
रोवर चंद्रमा पर लैंडिंग स्पॉट से 500 मीटर (आधा किलोमीटर) दूरी तक यात्रा करेगा।

दुनिया में अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कितने प्रयास किए गए हैं? इन मिशनों की सफलता दर क्या रही है?
अब तक कुल 38 सॉफ्ट लैंडिंग प्रयास किए गए हैं जिनमें सफलता की दर केवल 52% है।