मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि सरकार 10वीं बोर्ड परीक्षा को फिर से अनिवार्य बनाने के बारे में विचार कर रही है लेकिन अगर ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है तो वह अगले शैक्षणिक सत्र से ही लागू होगा। फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जावडेकर ने कहा, ‘‘ मैं सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा फिर से शुरू करना चाहता हूं क्योंकि सीबीएसई को छोड़कर अन्य सभी छात्र बोर्ड परीक्षा देते हैं। लेकिन सीबीएसई के लिए यह वैकल्पिक है। ऐसा क्यों?’’ मंत्री ने कहा कि उन्हें पत्रकारों समेत अन्य लोगों से इस बारे में काफी बार पूछा गया है। जावडेकर ने स्पष्ट किया, ‘‘ मैंने कहा है कि जो भी मैं इस वर्ष बदलाव करूंगा, वह 2017..18 से लागू होगी, इस वर्ष से नहीं। ’’ मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि सरकार की नयी व्यवस्था लाने की योजना है जिसके तहत शैक्षणिक संस्थाओं का नियमन होगा। उन्होंने कहा कि नैक रेटिंग के अलावा शैक्षणिक संस्थाओं की रैकिंग करने के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एनआईआरएफ रैंकिंग को भी ध्यान में रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं को अधिकतम स्वायत्ता प्रदान की जायेगी और न्यूनतम नियमन होगा। अगली श्रेणी के लिए स्वायत्ता और नियमन में संतुलन होगा।

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जावडेकर ने कहा कि इन दोनों तरह के संस्थाओं से जो पीछे रह जायेंगे, उन्हें अधिक नियमन और कम स्वायत्ता मिलेगी। कें्रदीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सबसे बड़ी चुनौती है।