बिहार बोर्ड ने उन सभी स्टूडेंट्स को खुश कर दिया है जिनकी 10वीं और 12वीं में कंपार्टमेंट आई थी। बोर्ड ने कंपार्टमेंट पाने वाले सभी स्टूडेंट्स को बिना एग्जाम के पास कर दिया है। अब पास होने वाले स्टूडेंट्स अपनी आगे की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं। इस साल 2020 में मैट्रिक और इंटर मिलाकर कुल 3 लाख 40 हजार 633 विद्यार्थी एक और दो विषय में फेल हुए थे। इन छात्रों के लिए बिहार बोर्ड कंपार्टमेंटल परीक्षा कराता। शिक्षा विभाग ने कहा कि यह निर्णय छात्रों के पक्ष में लिया गया था और हजारों छात्र इस निर्णय से खुश होंगे क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी स्टूडेंट का पूरा साल बर्बाद नहीं होगा।
शिक्षा विभाग ने कहा कि यह निर्णय छात्रों के पक्ष में लिया गया था और हजारों छात्र इस निर्णय से खुश होंगे क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी स्टूडेंट का पूरा साल बर्बाद नहीं होगा। बोर्ड ने जारी सूचना में यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को ग्रेस मार्क्स के साथ पास करने की यह व्यवस्था केवल एक बार के लिए अपनाई जा रही है। ऐसा देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते किया जा रहा है।

Highlights
बोर्ड ने जारी सूचना में यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को ग्रेस मार्क्स के साथ पास करने की यह व्यवस्था केवल एक बार के लिए अपनाई जा रही है। ऐसा देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते किया जा रहा है।
यदि कोई उम्मीदवार अभी भी एक या दो विषयों में फेल रहता है तो उसे कम्पार्टमेंट परीक्षा में बैठने का मौका मिलता। कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया इसी महीने शुरू होनी थी लेकिन राज्य में बढ़ते कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों के देखते हुए बोर्ड ने छात्रों को ग्रेस मार्क्स देकर प्रमोट करने का फैसला लिया है।
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने 10वीं और 12 वीं कक्षा के 2 लाख से अधिक छात्रों को प्रमोट कर दिया है। आधिकारिक वेबसाइट पर इस संबंध में नोटिस जारी की गई है।
सीबीएसई ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट के तहत विचाराधीन है इसलिए बोर्ड को परीक्षा रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, परीक्षा आयोजित करने का फैसला होता है तो सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी।
पहले दिन ज्यादा छात्रों का दाखिला नहीं हुआ है। जिन छात्रों का सेलेक्शन पहली लिस्ट में हुआ है वे बिहार बोर्ड की वेबसाइट http://www.ofssbihar.in पर जाकर लॉगिन कर इंटिमेशन लेटर डाउनलोड कर सकते हैं। बिहार बोर्ड ने कहा है कि प्रथम चयन सूची में चयनित छात्र अगर आवंटित संस्थानों में एडमिशन नहीं लेते हैं तो वर्तमान सत्र में उनका नाम OFSS सिस्टम से हटा दिया जाएगा।
अगर किसी छात्र को पहली या दूसरी सूची में सीट अलॉट की जाती है, तो वे प्रवेश ले सकते हैं और फिर 'स्लाइड अप' विकल्प के लिए आवेदन कर सकते हैं और यदि उन्हें आवंटन के बाद के दौर में बेहतर संस्थानों में से एक में सीट आवंटित की जाती है, तो उनके प्रवेश के आधार पर पिछली सूची स्वचालित रूप से रद्द कर दी जाएगी।
इस साल 2020 में मैट्रिक और इंटर मिलाकर कुल 3 लाख 40 हजार 633 विद्यार्थी एक और दो विषय में अनुत्तीर्ण हुए थे। इन छात्रों के लिए बिहार बोर्ड कंपार्टमेंटल परीक्षा कराता।
सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट onlinebseb.in पर जाएं। इसके बाद‘Result Updated - Annual Senior Secondary Examination Result 2020’ or Result Updated - Annual Secondary Examination Result 2020 लिंक पर क्लिक करें।अपना रोल नंबर सब्मिट करेंआपका स्कोरकार्ड आपके सामने होगा।
12वीं पास करके कॉलेज में एडमिशन की तलाश में लगे स्टूडेंट्स के लिए पहली लिस्ट बिहार बोर्ड ने जारी कर दी है। लिस्ट जारी होने के साथ ही कॉलेजों में दाखिला शुरू हो गया है।
शिक्षा विभाग ने कहा कि यह निर्णय छात्रों के पक्ष में लिया गया था और हजारों छात्र इस निर्णय से खुश होंगे क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी छात्र को पूरे शैक्षणिक वर्ष को बर्बाद नहीं करना पड़ेगा।
बिहार बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में कुल 46,005 छात्र एक विषय में और 86,481 छात्र दो विषयों में फेल हुए थे।
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने 10वीं और 12 वीं कक्षा के 2 लाख से अधिक छात्रों को प्रमोट कर दिया है। आधिकारिक वेबसाइट पर इस संबंध में नोटिस जारी की गई है।
बिहार बोर्ड ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट 24 मार्च को ही घोषित कर दिए थे, जबकि मैट्रिक के रिजल्ट 26 मई को जारी किए गए थे। बोर्ड ने इस वर्ष सबसे पहले 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी करने का रिकार्ड बनाया है। याद दिला दें कि पिछले वर्ष भी बिहार बोर्ड ने ही 10वीं और 12वीं के रिजल्ट सबसे पहले जारी किए थे।
बोर्ड ने जारी सूचना में यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को ग्रेस मार्क्स के साथ पास करने की यह व्यवस्था केवल एक बार के लिए अपनाई जा रही है। ऐसा देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते किया जा रहा है।
कुल मिलाकर 72,610 छात्रों को ग्रेस अंक दिए गए हैं और उन्हें BSEB इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 में पास किया गया है। बिहार 12वीं का रिजल्ट 2020 पास प्रतिशत अब 54.81% है।
शिक्षा विभाग ने कहा कि यह निर्णय छात्रों के पक्ष में लिया गया था और हजारों छात्र इस निर्णय से खुश होंगे क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी छात्र को पूरे शैक्षणिक वर्ष को बर्बाद नहीं करना पड़ेगा।
बिहार बोर्ड ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट 24 मार्च को ही घोषित कर दिए थे, जबकि मैट्रिक के रिजल्ट 26 मई को जारी किए गए थे। बोर्ड ने इस वर्ष सबसे पहले 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी करने का रिकार्ड बनाया है। याद दिला दें कि पिछले वर्ष भी बिहार बोर्ड ने ही 10वीं और 12वीं के रिजल्ट सबसे पहले जारी किए थे।
10वीं के 1 लाख 41 लाख 677 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देकर प्रमोट किया गया है। बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट इस वर्ष कुल 68.07% रहा है।
बिहार बोर्ड ने कक्षा 12वीं के रिजल्ट 24 मार्च को ही घोषित कर दिए थे, जबकि मैट्रिक के रिजल्ट 26 मई को जारी किए गए थे। बोर्ड ने इस वर्ष सबसे पहले 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी करने का रिकार्ड बनाया है। याद दिला दें कि पिछले वर्ष भी बिहार बोर्ड ने ही 10वीं और 12वीं के रिजल्ट सबसे पहले जारी किए थे।
प्रथम श्रेणी में चार लाख 43 हजार 284, द्वितीय श्रेणी में चार लाख 69 हजार 439 और तृतीय श्रेणी में 56 हजार 115 विद्यार्थी सफल हुए।
यदि कोई छात्र किसी एक विषय में अधिकतम 8 प्रतिशत नंबरों से अथवा दो विषयों में अधिकतम 4 प्रतिशत नंबरों से फेल होता है, तो उसे ग्रेस मार्क्स की मदद से पास किया जाएगा। यदि कोई छात्र 75 प्रतिशत नंबरों के साथ भी किसी एक विषय में 8 प्रतिशत से अधिक नंबरों से फेल होता है तो उसे किसी भी नियम से पास नहीं किया जा सकेगा।
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने 10वीं और 12 वीं कक्षा के 2 लाख से अधिक छात्रों को प्रमोट कर दिया है। आधिकारिक वेबसाइट पर इस संबंध में नोटिस जारी की गई है।
कम्पार्टमेंट परीक्षा आमतौर पर उन छात्रों के लिए आयोजित की जाती है जो एक या दो विषयों में फेल होते हैं। बिहार और तेलंगाना राज्य बोर्ड सहित कई बोर्डों ने महामारी के कारण कंपार्टमेंटल परीक्षा को रद्द कर दिया है।
पहले दिन ज्यादा छात्रों का दाखिला नहीं हुआ है। जिन छात्रों का सेलेक्शन पहली लिस्ट में हुआ है वे बिहार बोर्ड की वेबसाइट http://www.ofssbihar.in पर जाकर लॉगिन कर इंटिमेशन लेटर डाउनलोड कर सकते हैं। बिहार बोर्ड ने कहा है कि प्रथम चयन सूची में चयनित छात्र अगर आवंटित संस्थानों में एडमिशन नहीं लेते हैं तो वर्तमान सत्र में उनका नाम OFSS सिस्टम से हटा दिया जाएगा।
अगर किसी छात्र को पहली या दूसरी सूची में सीट अलॉट की जाती है, तो वे प्रवेश ले सकते हैं और फिर 'स्लाइड अप' विकल्प के लिए आवेदन कर सकते हैं और यदि उन्हें आवंटन के बाद के दौर में बेहतर संस्थानों में से एक में सीट आवंटित की जाती है, तो उनके प्रवेश के आधार पर पिछली सूची स्वचालित रूप से रद्द कर दी जाएगी।
बिहार के कॉलेजों में इंटरमीडिएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए मेरिट सूची जारी कर दी गई है। छात्रों के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रणाली (OFSS) के पोर्टल पर पहली कट ऑफ और मेरिट विवरण ऑनलाइन उपलब्ध है।
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने 10वीं और 12 वीं कक्षा के 2 लाख से अधिक छात्रों को प्रमोट कर दिया है। आधिकारिक वेबसाइट पर इस संबंध में नोटिस जारी की गई है।
यदि कोई उम्मीदवार अभी भी एक या दो विषयों में फेल रहता है तो उसे कम्पार्टमेंट परीक्षा में बैठने का मौका मिलता। कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया इसी महीने शुरू होनी थी लेकिन राज्य में बढ़ते कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों के देखते हुए बोर्ड ने छात्रों को ग्रेस मार्क्स देकर प्रमोट करने का फैसला लिया है।
सीबीएसई ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट के तहत विचाराधीन है इसलिए बोर्ड को परीक्षा रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, परीक्षा आयोजित करने का फैसला होता है तो सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी।
2012 में हुए टॉपर्स के घोटाले की वजह से, राज्य बोर्ड ने कई परीक्षा सुधार शुरू किए थे, जिनमें OMR शीट आदि शामिल हैं। इस साल जहां लड़कियों का पास प्रतिशत 90.28 प्रतिशत था, वहीं लड़कों का रिजल्ट 84.12 प्रतिशत रहा है।
बोर्ड ने जारी सूचना में यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों को ग्रेस मार्क्स के साथ पास करने की यह व्यवस्था केवल एक बार के लिए अपनाई जा रही है। ऐसा देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते किया जा रहा है।
यदि कोई छात्र किसी एक विषय में अधिकतम 8 प्रतिशत नंबरों से अथवा दो विषयों में अधिकतम 4 प्रतिशत नंबरों से फेल होता है, तो उसे ग्रेस मार्क्स की मदद से पास किया जाएगा। यदि कोई छात्र 75 प्रतिशत नंबरों के साथ भी किसी एक विषय में 8 प्रतिशत से अधिक नंबरों से फेल होता है तो उसे किसी भी नियम से पास नहीं किया जा सकेगा।
कंपार्टमेंट एग्जाम के बिना 2 लाख से अधिक छात्रों को प्रमोट करने के बाद, कक्षा 12 का पास प्रतिशत 54.81% दर्ज किया गया, जबकि कक्षा 10वीं का परिणाम 68.07% रहा।
12वीं पास करके कॉलेज में एडमिशन की तलाश में लगे स्टूडेंट्स के लिए पहली लिस्ट बिहार बोर्ड ने जारी कर दी है। लिस्ट जारी होने के साथ ही कॉलेजों में दाखिला शुरू हो गया है। यह 12 अगस्त तक जारी रहेगा। पटना के एएन कॉलेज, बीडी कॉलेज, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, जेडी वीमेंस इत्यादि सभी कॉलेज ऑनलाइन दाखिला ले रहे हैं। कोविड-19 के कारण छात्रों को कॉलेज नहीं बुलाया जा रहा है।
राज्य के शिक्षा विभाग ने महामारी की स्थिति के कारण कक्षा 10 और 12 में अधिकतम दो विषयों में फेल होने वाले छात्रों को पास करने के लिए बोर्ड के प्रस्ताव को पारित किया।
2012 में हुए टॉपर्स के घोटाले की वजह से, राज्य बोर्ड ने कई परीक्षा सुधार शुरू किए थे, जिनमें OMR शीट आदि शामिल हैं। इस साल जहां लड़कियों का पास प्रतिशत 90.28 प्रतिशत था, वहीं लड़कों का रिजल्ट 84.12 प्रतिशत रहा है।
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने कक्षा 10 बोर्ड परीक्षाओं के अपडेटिड परिणामों की घोषणा की है। हालांकि इससे पहले परिणाम 26 मई को घोषित किए गए थे।
बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने 2 लाख से अधिक छात्रों की सूची जारी की है, जिन्हें गुरुवार को ग्रेस मार्क्स देकर प्रमोट किया है।
BSEB ने 26 मई को कक्षा 10 का परिणाम घोषित किया था। इस साल कुल छात्रों में से 80.59% ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।