डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग में PHd करने के बाद कोई युवा अगर एग्रिकल्चर सेक्टर में कंपनी खड़ी करे तो यह बेशक हैरानी की बात है। 28 वर्षीय भारद्वाज करांत की कंपनी ‘सुविधा फूड्स एंड बेवरेज’ किसानों से सीधे फलों और सब्जियां खरीदती है और उन्हें चिप्स और ड्राई फ्रूट्स में प्रोसेस करती है। दो साल पहले तक, करांत अपने गृहनगर श्रृंगेरी के एक कॉलेज में पढ़ाते थे। newindianexpress से बातचीत में उन्होनें बताया, “मैंने महसूस किया कि मेरे कई छात्र अपने माता-पिता को पीछे छोड़कर यहां से बाहर जा रहे हैं क्योंकि उनके लिए रोजगार के अवसर नहीं हैं। मेरे पास आर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस से संबंधित एक विषय में PHd है, लेकिन यहां उस फील्ड में एक कंपनी शुरू करने के लिए कुशल कारिगरों की कमी है और बिजली न रहना यहां आम बात है।”
एक ऐसे समय में, जब किसान बाजार तक अपना माल पहुंचाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं, उनसे उनके उत्पादों को कंपनी सीधे ही खरीद लेती है और प्रोसेस करती है। इससे किसान और कंपनी दोनो का लाभ होता है। कंपनी में काम करने वालों के लिए भी यह अपने घर से दूर जाए बगैर रोजगार कमाने का अच्छा मौका है। करांत ने दो साल पहले ‘सुविधा’ की स्थापना की थी जिसमें 18 लोग कार्यरत हैं।
कंपनी फिलहाल केला, कटहल, चीकू, चुकंदर, भिंडी, लहसुन, गाजर, शकरकंद और पपीते के चिप्स बना रही है। इसके लिए सबसे पहले फल या सब्जी से नमी को निकाला जाता है, उसके बाद वैक्यूम फ्राइंग की जाती है जिसमें बहुत कम तेल की आवश्यकता होती है। करांत का कहना है कि पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक है और इसमें कोई भी रंग योजक (फूड कलर) का उपयोग नहीं किया जाता है।
चिप्स में फलों के पोषण बरकरार रहते हैं और यह एकदम करारे भी रहते हैं। कटहल जैसे मौसमी फलों के लिए, कंपनी के पास कोल्ड स्टोरेज की सुविधा है, ताकि उत्पादन पूरे वर्ष जारी रह सके। करांत अब मसाले बनाने की दिशा में भी काम करने की योजना बना रहे हैं जिसके लिए उनका गृह जिला चिक्कमगलुरु प्रसिद्ध है।