Amazon layoffs: अमेजन ने अपने कर्मचारियों को एक बार फिर झटका दिया है। ई-कॉमर्स कंपनी एक बार बड़े स्तर पर मैनेजर लेवल के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाली है। इसके बाद इसके वैश्विक प्रबंधन कार्यबल में 13% की कमी से प्रबंधकों की संख्या 105,770 से घटकर 91,936 हो जाएगी। 2025 की शुरुआत में अमेज़न $2.1 बिलियन से $3.6 बिलियन सालाना बचत के लिए कंपनी ने यह फैसला लिया है। इसके साथ ही छंटनी होने से कंपनी के ग्लोबल मैनेजमेंट में 13 फीसदी की कमी आ सकती है।

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ई-कॉमर्स कंपनी Amazon ने इससे पहले भी इसी समय कम्युनिकेशन एंड सस्टेनेबिलिटी डिवीजन में अपने कई कर्मचारियों की छंटनी की थी। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी ये छंटनी कर करोड़ों रुपये की सेविंग का प्लान बना रही है। इसके साथ ही कंपनी फिर से व्यवस्थित तरीके से अपने कर्मचारियों को तैयार करने की कोशिश कर रही है।

बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, नौकरी में कटौती सीईओ एंडी जेसी की फैसले लेने को आसान बनाने और दक्षता को बढ़ाने की रणनीति के अनुरूप है। जेसी ने नौकरशाही को कम करने और संचालन में तेजी लाने के लक्ष्य के साथ 2025 की पहली तिमाही तक प्रबंधकों के लिए व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं के अनुपात को कम से कम 15% बढ़ाने की योजना की रूपरेखा तैयार की है।

कंपनी ने क्यों की कर्मचारियों की छंटनी?

दरअसल, अमेजन अपनी कंपनी के मैनेजमेंट को फिर से सही तरीके से ठीक करना चाहती है। इस छंटनी से कंपनी के मैनेजर्स की हजारों में संख्या घट सकती है। अगर छंटनी होती है तो कंपनी के मैनेजर्स की संख्या 105,770 से घटकर 91,936 हो जाएगी। इसके साथ ही कंपनी के ग्लोबल मैनेजमेंट वर्कफोर्स में 13 फीसदी की कमी देखने को मिलेगी।

अपनी लागत-कटौती रणनीति के हिस्से के रूप में अमेज़ॅन ने एक “नौकरशाही टिपलाइन” पेश की है जो कर्मचारियों को अक्षमताओं को पहचान करने की परमिशन देती है, मैनेजर्स को यह भी निर्देशित किया गया है। ये बदलाव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और लाभ देने के लिए है। बता दें कि कंपनी ने पहले ही अपने “ट्राई बिफोर यू बाय” कपड़े कार्यक्रम और तीव्र ईंट-और-मोर्टार डिलीवरी सेवा जैसी पहल को बंद कर दिया है।

महामारी के दौरान अमेज़ॅन के कार्यबल में तेजी से विस्तार हुआ, जो 2019 में 798,000 कर्मचारियों से बढ़कर 2021 के अंत तक 1.6 मिलियन से अधिक हो गया। हालांकि, कंपनी ने तब से अपनी स्टाफिंग जरूरतों को फिर से व्यवस्थित किया है, पिछली छंटनी के साथ 2022 और 2023 में 27,000 नौकरियों में कटौती हुई है।