देश में ऐसी घटनाएं अक्‍सर सुनने को मिलती हैं जिसमें छोटे बच्‍चे बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में गिर जाते हैं तथा समय पर सही मदद न मिल पाने की वजह से कई की मौत भी हो जाती है। हाल ही में मुंबई में एक मामला सामने आया था जिसमें 3 दिन बाद भी ए‍क बच्‍चे को गड्ढे से नहीं निकाला जा सका और मासूम की मौत हो गई। इसकी सबसे बडी वजह ऐसे तकनीकी उपकरणों की कमी भी है जो खास इसी काम के लिए तैयार किए गए हों। आगरा के RBS इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस, बिचपुरी के छात्रों ने ऐसे ही मामलों के लिए बोरवेल में गिरे बच्‍चों को निकालने के लिए एक मशीन का प्रोटोटाइप तैयार किया है।

संस्‍थान के इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड कम्‍यूनिकेशन विभाग के फोर्थ ईयर के छात्रों ने इस मशीन का प्रोटोटाइप तैयार किया है। छात्रों विशालदीप पाठक, शोभित यादव, शुभम त्‍यागी तथा हितेश सिंघल द्वारा तैयार की गई इस मशीन के प्रोटोटाइप में एडजस्‍टेबल आर्म्‍स, डिजिटल इंटीग्रेटेड कैमरा, ऑडियो कम्‍यूनिकेशंस, ऑक्‍सीजन सप्‍लाई, रोप और पुली हैं जिसकी मदद से बोरवेल की गहराई में गिरे बच्‍चों को रेस्‍क्‍यू किया जा सकेगा। मशीन के हेड का आकार भी बोरवेल से थोडा छोटा है जिससे के इसे गड्ढे में आसानी से उतारा जा सकेगा।

मशीन में लगे एडजस्‍टेबल आर्म्‍स की मदद से बच्‍चे को पकडकर बाहर खींचा जा सकेगा जबकि उसे देखने के लिए मशीन में लाइट और डिजिटल कैमरा मौजूद रहेगा। पुली और रस्‍सी की मदद से बच्‍चे को बाहर खींचा जा सकेगा। यह मशीन इसी तरह के अन्‍य कामों के लिए भी प्रयोग की जा सकेगी। संस्‍थान के विभागाध्‍यक्ष डॉ. दुष्‍यंत सिंह ने कहा है कि बच्‍चों द्वारा तैयार प्रोटोटाइप को और वि‍कसित किया जाएगा तथा इसे व्‍यवसायिक रूप से बाजार में उपलब्‍ध कराया जाएगा। निदेशक डॉ. बी एस कुशवाहा तथा वित्‍त निदेशक पंकज गुप्‍ता ने प्रोटोटाइप तैयार करने वाले सभी छात्रों को बधाई दी है।