रियो जाने वाले 117 खिलाड़ियों पर खर्च की गई कुल रकम का सिर्फ 1.66 फीसदी ही मेडल लाने वालों पर खर्च किया गया। खेल मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, पिछले साल शुरू की गई टारगेट आेलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) के तहत सरकार ने 36.85 करोड़ रुपए खिलाड़ियों पर खर्च किया। इनमें से पद जीतने वालीं पीवी सिंधू और साक्षी मलिक की तैयारी पर सिर्फ 1.66 प्रतिशत रकम खर्च की गई। 22 अगस्त को कंपाइल किया गया डाटा द इंडियन एक्सप्रेस के हाथ लगा है। इससे पता चलता है कि जिन ओलंपियंस पर अच्छी-खासी रकम खर्च की गई, वह सबसे घटिया प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे। उदाहरण के तौर पर, महिला रिले टीम पर 2.94 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि वह सातवें पायदान पर रही और सेमी फाइनल के लिए क्वालिफाई भी नहीं कर सकी। कुल रकम का आधे से ज्यादा हिस्सा शूटिंग पर खर्च किया गया, जो कि पिछले तीन ओलंपिक खेलों में भारत का सबसे सफल खेल रहा है, लेकिन इस साल इस खेल में कोई पदक नहीं मिला। दूसरी तरफ एथलेटिक्स- जिसमें पदक की कोई खास उम्मीद नहीं थी- पर शूटिंग के बाद सबसे ज्यादा रकम खर्ची गई। मंत्रालय ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले 36 एथलीट्स में से 30 के लिए 7.80 करोड़ रुपए जारी किए।
TOPS मार्च 2015 में लॉन्च की गई थी। यह 750 करोड़ रुपए के केन्द्रीय बजट से इतर है। भारत सरकार ने खिलाड़ियों की तैयारी पर दूसरे देशों की तुलना में बेहद कम (5.5 मिलियन डॉलर) खर्च किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रेट ब्रिटेन ने 374 एथलीट्स पर 350 मिलियन डॉलर खर्च किए, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने लंदन और रियो ओलंपिक के बीच तैयारी पर 332 मिलियन डॉलर का खर्च किया। खेल मंत्री विजय गोयल ने भारत और बाकी दुनिया के बीच अंतर को स्वीकार भी किया था। आइए आपको बताते हैं कि TOPS के तहत किस खिलाड़ी पर कितना खर्च किया गया।

शूटिंग- 15.39 करोड रुपए
आेलंपिक जाने वाले 12 शूटर्स में से 10 को एक करोड़ रुपए से ज्यादा दिए गए। चूंकि यह सबसे महंगा खेल है, इसलिए अभिनव बिंद्रा को बतौर खिलाड़ी सबसे ज्यादा 2.37 करोड़ रुपए मिले।
बैडमिंटन– 3.84 करोड़ (पीवी सिंधू- 45.27 लाख)
महिला रिले टीम- 2.94 करोड़ रुपए
एम आर पूवम्मा- 92.43 लाख
देबाश्री मजूमदार- 56.35 लाख
अश्विनी अक्कुंजी- 53.59 लाख
अनिलदा थॉमस- 39.05 लाख
निर्मला शेरॉन- 30 लाख
टिंटू लता- 23.45 लाख
कुश्ती– 2.52 करोड़ (साक्षी- 15.86 लाख)
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करीब 30.49 करोड़ रुपए रुपए उन खिलाड़ियों पर खर्च किए गए, जो मेडल्स नहीं जीत सके। डिस्कस थ्रोअर विकास गाैड़ा को 1.02 करोड़ रुपए तैयारियों के लिए मिले। इसके उलट, 16 पैरालंपियनों को सिर्फ 3.56 करोड़ रुपए सरकार की ओर से मुहैया कराए गए। गोल्ड मेडलिस्ट मरियप्पन थंगावेलु को 13.19 लाख रुपए जबकि कांस्य पदक विजेता वरुण भाटी को 21.74 लाख रुपए मिले।