देश के सबसे कम उम्र में IPS बनने वाले सफीन हसन की संघर्ष गाथा कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है. सफीन आज भले ही यूपीएससी क्लियर कर आईपीएस बन गए हों, लेकिन उन्होंने ये मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की थी और आखिरकार ये साबित कर दिखाया था कि किसी चीज के लिए अगर आप सच्चे दिल से मेहनत करते हो तो कामयाबी जरूर हासिल होती है।

सफीन हसन ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके परिवार के सामने बहुत चुनौतियां थीं। मां ने घर बनाने के लिए बाहर से कर्ज लिया था और उसे चुकाना था तो कई बार मां को खुद मजदूरी करनी पड़ती थी. पिता की आय का स्रोत भी कुछ खास नहीं था और वह इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे। परिवार की तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी तैयारी जारी रखी।

सफीन जब यूपीएससी मेन्स के चौथे पेपर से ठीक पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था। सुबह 9 बजे से पेपर था और 8:30 बजे बाइक फिसलने से उनके घुटने, कोहनी और सिर में चोट लग गई थी। दर्द के बीच हसन इस बात पर खुश थे कि दाहिना हाथ) ठीक था। क्योंकि वह बस किसी भी हाल में ये परीक्षा देना चाहते थे और उन्होंने इसके लिए अच्छी खासी तैयारी भी की थी।

एग्जाम से ठीक पहले हो गया था एक्सीडेंट

हसन ने बताया था, यूपीएससी का पेपर लंबा होने के कारण, पेन किलर लेकर खुद ड्राइव कर एग्जाम सेंटर पहुंचा था। पेपर के बाद एमआईआर कराई, तो घुटने का लिंगामेंट टूटने का पता चला। पैर का ऑपरेशन करने की जरूरत थी, जो इंटरव्यू पूरा होने के बाद ही कराया।’

सफीन हसन ने बताया था कि वह मौसी के साथ एक बार मेला देखने गए थे और यहां कलेक्टर की कार देखकर उन्हें बहुत अचंभा हुआ था क्योंकि उस कार के ऊपर लाल बत्ती लगी हुई थी। सफीन ने अपनी मौसी से पूछा था कि ये कौन होता है तो उन्होंने बताया था कि ये जिले का ‘राजा’ होता है। तभी से सफीन ने यूपीएससी क्लियर करने का फैसला किया था और आखिरकार अपनी मंजिल को हासिल करने में कामयाब हुए।