लाख कोशिशों और दावों के बाद भी आदिवासियों के लिए किए गए वादे वास्तविकता के धरातल पर खोखले ही नजर आते हैं। राजस्थान में इस बात से मेल खाता एक ऐसा ही रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है। जहां समुदाय की एक महिला को बेटे के किए कांड की सजा भुगतनी पड़ी। महिला को दबंगों ने निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया। गांव वालों ने महिला को यह सजा केवल शक के आधार पर दी।

मामला राज्य के राजसमंद जिले का है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, कीर समुदाय के एक परिवार की लड़की किसी लड़के के साथ फरार हो गई थी। इसका शक लोगों को आदिवासी लड़के पर हुआ। जिसके बाद कीर समुदाय के आदमी और औरतें उपली ओडन गांव के एक परिवार पर धावा बोल दिया। सभी ने लड़के के घर पर हंगामा खड़ा कर दिया और लड़के की मां को बाहर बुलाया।

आदिवासी महिला के अपने घर से बाहर निकलते ही कीर समुदाय के लोगों ने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया। उन लोगों का मन इतने से भी नहीं भरा तो उन सबने महिला के कपड़े फाड़ दिए। करीब निर्वस्त्र हालत में ही महिला को पूरे गांव में घुमाने के बाद उसे एक कमरे में लाकर बंधक बना लिया। मामले की खबर लगते ही पड़ोसी गांव महिला को छुड़ाने पहुंचे गए। इसके बाद सूचना पाकर पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर महिला के साथ बदसलूकी करने वालों की तलाश में जुट गई है।

गौरतलब है कि, बीते दिन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दलित महिला को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। 50 साल की महिला शकुंतला देवी रोजाना स्थानीय मंदिर में जाती थी। बुधवार को भी महिला मंदिर जाने के लिए घर से निकली थी। लेकिन मंदिर पहुंचकर उन्हें दर्शन करने से रोक दिया गया। महिला के अनुसार, मंदिर में देवेंद्र नाम के एक व्यक्ति ने अंदर जाने से रोक दिया। उसने जाति और इलाके के बारे में पहुंचा। दलित बताने पर युवक ने महिला को मंदिर में जाने से रोक दिया। इस पर ऐतराज जताने पर युवक ने महिला के साथ बदसलूकी भी की थी।