मध्य प्रदेश के छोटे से गांव से निकलकर आईएएस अधिकारी बनने वालीं तपस्या परिहार की कहानी किसी भी कैंडिडेट को प्रेरणा दे सकती है। तपस्या बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं, लेकिन उन्हें पता था कि ये राह आसान नहीं है और इसके लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ेगी। उन्होंने शुरुआत में अपनी पढ़ाई को कोचिंग सेंटर से शुरू किया, लेकिन बाद में दूसरे प्रयास के लिए उन्होंने खुद ही मेहनत की। UPSC 2017 में तपस्या ने 23 रैंक प्राप्त की थी।
नोट्स बनाकर शुरू की थी पढ़ाई: तपस्या ने परिवार को अपने उद्देश्य के बारे में बताया और आगे पढ़ाई करने की भी इच्छा जाहिर की। परिवार ने भी बिना कुछ संकोच दिखाए ऐसा करने में उनका साथ दिया। इसके बाद तपस्या ने यूपीएससी के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया। वह वकालत की छात्रा रही हैं। हालांकि उन्हें पहले प्रयास में सफलता हासिल नहीं हुई।
पहले प्रयास के लिए उन्होंने कोचिंग भी ली थी, लेकिन दूसरे प्रयास के लिए उन्होंने खुद मेहनत करने का फैसला किया। दूसरे प्रयास के लिए जब तपस्या ने पढ़ाई शुरू की तो उनका टारगेट ज्यादा से ज्यादा नोट्स बनाने और आंसर पेपर सॉल्व करने पर था।
शिवराज सिंह ने भी की थी तपस्या की तारीफ: तपस्या परिहार ने पढ़ाई करने की रणनीति में भी बदलाव किया और आखिरकार यूपीएससी क्लियर करके ही चैन लिया। UPSC 2017 में उनकी रैंक 25 थी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके हौसले की तारीफ की थी और उन्हें किसान की बेटी बताया था।
UPSC की तैयारी कर रहे कैंडिडेट के लिए तपस्या कहती हैं, पता नहीं लोग कैसे 14 से 16 घंटे पढ़ लेते हैं, मैंने कभी इतनी पढ़ाई नहीं की। मैं रोज़ाना अपनी स्ट्रेटजी बनाती थी और उसी के अनुरूप चलती थी। प्री के पहले मैंने 8 से 10 घंटे पढ़ाई की जो मेन्स के समय 12 घंटे तक पहुंची पर इससे ज्यादा नहीं। तपस्या आज अपने अच्छे कामों के कारण भी चर्चा में रहती हैं।