आज एक ऐसे कैंडिडेट की बात करेंगे जो UPSC के एक नहीं बल्कि दो एग्जाम क्लियर कर IAS अधिकारी बने थे। जतिन ने UPSC के द्वारा कंडक्ट की जाने वाली इंडियन इकोनॉमिक सर्विस का भी एग्जाम दिया था। इस परीक्षा में न सिर्फ जतिन ने टॉप किया बल्कि पहले ही प्रयास में साबित कर दिया था कि वह CSE के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं। जतिन ने नौकरी जॉइन करने बाद CSE के लिए तैयारी शुरू कर दी थी।
साल 2018 में उन्होंने पहली बार UPSC-CSE एग्जाम दिया था। इस साल उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया था। यहां तक इस बार तो उनका प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं हो पाया था। उन्होंने हार नहीं मानी और अपने प्रयास को जारी रखा। अपनी सफलता के बारे में बोलते हुए जति ने बताया, ‘इस परीक्षा में सफल होने के लिए कम से कम किताबें रखें और उनसे बार-बार रिवाइज करें. ये उनके लिए खासतौर पर लाभकारी है जिनके पास समय की कमी है, हालांकि जिनके पास समय हो तब भी उन्हें किताबें सीमित ही रखनी चाहिए वरना रिवीजन नहीं हो पाता.’
इस परीक्षा के लिए उन्होंने बताया कि ज्यादा से ज्यादा रिवीजन से बहुत फायदा होता है। जतिन ने कहा, ‘मैंने अपनी तैयारी के दौरान नोट्स नहीं बनाए थे, लेकिन नोट्स बनाने से कई विषय आराम से क्लियर हो जाते हैं। क्योंकि नोट्स एक तरह से सिलेबस को कम शब्दों में ज्यादा बात बताने के लिए जरूरी होते हैं। मैं किताबों में ही अंडरलाइन करता था और मुझे बाद में थोड़ी समस्या भी हुई थी। अपने वरिष्ठ से मैंने नोट्स लिए थे और बाद में फिर उससे पढ़ाई की थी।’
जतिन ने कहा कि यूपीएससी का सिलेबस बहुत ज्यादा होता है और कई कैंडिडेट तो सिर्फ इसे देखकर ही घबरा जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘इतना सिलेबस देखकर घबराने की जरूरत नहीं होती है। आप एक दिशा में अपनी तैयारी आगे बढ़ाइए और सिर्फ घबराने से कुछ हासिल नहीं होगा। क्योंकि जो आपके साथ हो रहा है वो हर कैंडिडेट के साथ होता है। एक दिशा में तैयारी शुरू करिए। धीरे-धीरे सब समझ आने लगता है।’