आशुतोष कुलकर्णी की कहानी उन सभी कैंडिडेट्स को प्रेरणा दे सकती है जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन असफलता से हताश हो जाते हैं। आशुतोष ने चौथे प्रयास में कामयाबी हासिल की है और इससे पहले उन्हें असफलता ही हाथ लगी थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी जारी रखी। आशुतोष ने चौथे प्रयास के लिए अपनी पढ़ाई की रणनीति में थोड़ा बदलाव किया और आखिरकार इसमें कामयाबी हासिल की।
आशुतोष ने एक इंटरव्यू में बताया कि ज्यादा से ज्यादा आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘आप तैयारी के वक्त छोटे-छोटे नोट्स जरूर बनाएं। इन्हीं नोट्स से आप पेपर से थोड़े दिनों पहले पूरे कोर्स का आसानी से रिवीजन कर सकते हैं। वे मानते हैं कि आप ज्यादा से ज्यादा रिवीजन और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करें ताकि आप बेहतर तरीके से परीक्षा में लिख पाएं। वे कहते हैं कि असफलताओं से निराश होने के बजाय हमें अपनी कमियों को सुधारना चाहिए। अगर हम ऐसा करेंगे तो जरूर सफल होंगे।’
आशुतोष ने कहा, ‘आप टेस्ट सीरीज पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। मार्केट में और ऑनलाइन बहुत सारी टेस्ट सीरीज उपलब्ध हैं। आप लोगों को बहुत सीमित कोर्स रखना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करना चाहिए। ज्यादातर कैंडिडेट्स यही गलती कर देते हैं कि वह रिवीजन नहीं करते हैं बल्कि अपना सिलेबस बड़ा कर लेते हैं जो बाद में थोड़ा मुश्किल हो जाता है। अपने दिमाग पर ज्यादा जोर डालने की जरूरत नहीं है।’
आशुतोष बताते हैं, ‘UPSC के लिए मोटिवेशन बहुत जरूरी होता है। क्योंकि इस मोटिवेशन से ही आप पढ़ाई कर पाओगे। अगर थकावट हो रही है तो आराम करिए और सो जाइए। दूसरे इंटरव्यू में मुझसे सिर्फ करेंट अफेयर के बारे में पूछा गया था। कई बार इंटरव्यू बिल्कुल अलग चीजों पर भी हो सकता है इसलिए कभी भी तैयारी करें तो पूरी तैयारी करें। करेंट अफेयर्स बहुत जरूरी होते हैं।’ आशुतोष ने UPSC 2019 में रैंक 44 हासिल की थी।