UPSC परीक्षा के लिए कैंडिडेट सालों मेहनत करते हैं, लेकिन कई प्रयासों के बाद भी उन्हें सफलता हाथ नहीं लग पाती है। आज एक ऐसे IAS अधिकारी की बात करेंगे जिनका उद्देश्य सिर्फ यूपीएससी परीक्षा क्लियर करने का नहीं था बल्कि वह सिर्फ IAS बनना चाहते थे। यही वजह थी कि एक बार अच्छी रैंक हासिल न कर पाने की वजह से उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और IAS बनकर ही दम लिया।
आज आपको गोपाल कृष्ण की कहानी से रूबरू करवाएंगे। गोपाल ने IAS अधिकारी बनने के लिए मेडिकल फील्ड की अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी। गोपाल पिछले तीन साल से मेडिकल फील्ड में नौकरी कर रहे थे, लेकिन उन्होंने अचानक ये नौकरी छोड़कर यूपीएससी एग्जाम देने का फैसला किया था। यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है ऐसे में गोपाल को पहले से कठिन परिश्रम का आभास था।
गोपाल कृष्ण का IAS अधिकारी तक का सफर बहुत कठिन था। उन्हें दो परीक्षाओं में असफलता हाथ लगी थी। पहले प्रयास में गोपाल ने प्रीलिम्स और मेन्स दोनों क्लियर कर लिए थे, लेकिन इंटरव्यू के बाद उनका चयन नहीं हुआ। दूसरे प्रयास में भी वह इंटरव्यू तक पहुंच गए थे, लेकिन अंत में उनका चयन नहीं हो पाया था। तीसरे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास कर ली लेकिन रैंक 786 आई। रैंक के आधार पर उन्हें इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स सर्विसेज के लिए चुना गया।
गोपाल कृष्ण को ये मंजूर नहीं था और वह IAS अधिकारी ही बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक बार फिर परीक्षा दी। चौथे प्रयास में किस्मत ने उनका साथ दिया और 2017 में उनकी 265 रैंक आई। इसके बाद उनका IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा हुआ और आखिरकार उन्हें IAS मिल गई।
गोपाल ने एक इंटरव्यू में अपनी स्ट्रेटेजी शेयर की थी। उन्होंने कहा था, ‘सबसे पहले आप अपने सिलेबस के अनुसार स्टडी का प्लान बनाएं। अगर आप अपने प्लान के अनुसार पढ़ाई करेंगे तो बेहतर रहेगा। उनके अनुसार आप एक डायरी में पूरी प्लानिंग को लिख सकते हैं। अगर आप इस तरह की रणनीति बनाएंगे तो आपकी तैयारी बेहतर होगी। इसके अलावा जैसे-जसे आप अपने सिलेबस को कंप्लीट करते जाएं, वैसे वैसे आगे की तैयारी शुरू कर दें।’