यूपीएससी क्लियर कर IAS या IPS बना हर पढ़-लिखे युवा का सपना होता है, लेकिन इसे क्लियर करने के लिए कठोर परिश्रम चाहिए होता है। कई बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचने के बाद भी कैंडिडेट्स का सलेक्शन नहीं हो पाता है। आज एक ऐसी ही IFS अधिकारी की कहानी बताएंगे जिन्होंने यूपीएससी एग्जाम में बैठने का तो फैसला किया, लेकिन उन्हें सफलता चौथे प्रयास में मिली।

पूज्य प्रियदर्शनी अपने बेहतरीन काम के चलते अक्सर चर्चा में रहती हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा था। पूज्य बचपन से ही एक आईएफएस अधिकारी बनना चाहती थीं और उन्होंने साल 2013 में अपना पहला अटेंप्ट दिया था, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाई थीं।

पहले प्रयास में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। 2013 में ग्रेजुएशन के अंतिम साल में उन्होंने पहली बार ये परीक्षा दी और इससे उन्हें इतना तो समझ आ गया था कि इसके लिए और मेहनत की जरूरत होगी।

दूसरा अटेंप्ट पूज्य ने साल 2016 में दिया। प्री और मेन्स क्लियर करने के बाद इस बार वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गईं, लेकिन एक बार फिर उन्हें निराशा हाथ लगी। साल 2017 में उन्होंने अपनी तीसरा अटेंप्ट दिया और इस बार तो उनका प्री भी क्लियर नहीं हो पाया। निराश होने की जगह उन्होंने अपनी पढ़ाई के तरीके में थोड़ा बदलाव किया और एक बार फिर इस परीक्षा में बैठने का फैसला किया।

पूज्य ने इस बार पूरी रणनीति के साथ पढ़ाई की और ज्यादा से ज्यादा आंसर पेपर सॉल्व किए और साल 2018 में चौथी बार यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया। इस बार उन्होंने ये परीक्षा क्लियर कर ली। न सिर्फ उन्होंने यूपीएससी क्लियर की बल्कि उनकी ऑल इंडिया रैंक 11 थी जो कि अपने आप में बहुत बड़ी बात है। पूज्य ने अपनी सफलता का राज सेल्फ-स्टडी को बताया।

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘UPSC को क्लियर करने के लिए आपमें सेल्फ-कॉन्फीडेंस होना बेहद जरूरी है। लगातार न्यूज पेपर पढ़ते रहें, ऑप्शनल हमेशा अपने इंट्रेस्ट का चुनें, किताबें सोच-समझ कर चुनें ज्यादा कंफ्यूज़ न हों और आंसर लिख-लिखकर प्रैक्टिस करें और उत्तर किसी और से चेक कराएं ताकि अपनी कमियां पता चल सकें।’