UPSC के लिए कैंडिडेट्स कई प्रयास करते हैं। लेकिन असफलता उन्हें काफी निराश कर देती है। आज हम आपको दो ऐसी शख्सियत के बारे में बताएंगे जिन्होंने बचपन में स्कूल में भी पढ़ाई साथ की थी और यूपीएससी की तैयारी भी साथ ही की। स्कूल खत्म होने के बाद नौकरी के दौरान दोनों एक बार फिर मिले और आईपीएस बनने का फैसला किया। ऐसे दोनों आईपीएस अधिकारियों का नाम है- वृंदा शुक्ला और अंकुर अग्रवाल।

कैसे हुई थी मुलाकात: अंकुर अग्रवाल का परिवार अंबाला का रहने वाला है जबकि वृंदा पंचकुला से हैं। वृंदा और अंकुर दोनों एक-दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते हैं। दोनों ने साथ में ही पढ़ाई की है। अंकुर और वृंदा कॉन्वेंट जीसस एंड मैरी स्कूल में साथ पढ़ाई करते थे। यहां दोनों ने स्कूल की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद वृंदा आगे की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चली गई थीं। जबकि अंकुर ने भारत से ही इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी।

वृंदा ने अमेरिका में पढ़ाई पूरी की और वहीं पर रहने का फैसला किया। वहां, उन्होंने कुछ समय तक नौकरी भी की। ऐसा ही अंकुर के साथ भी हुआ। अंकुर ने इंजनीयरिंग पूरी करने के बाद बैंग्लोर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम शुरू किया, लेकिन दोनों की किस्मत में तो मिलना लिखा था। इसके बाद अंकुर का ट्रांसफर भी कंपनी के द्वारा अमेरिका कर दिया गया। यहां अंकुर और वृंदा एक बार फिर मिल गए। नौकरी करते हुए ही दोनों को पहली बार यूपीएससी का ख्याल आया।

दोनों को ये अच्छे से मालूम था कि यूपीएससी की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत चाहिए होगी। शुरुआत में थोड़ी-थोड़ी पढ़ाई उन्होंने अमेरिका में ही की और फिर भारत वापस लौट आए। वृंदा ने अंकुर से पहले यूपीएससी का एग्जाम दिया, लेकिन उसमें उन्हें असफता हाथ और आखिरकार UPSC 2014 में एग्जाम क्लियर कर आईपीएस बनने में कामयाब हो गईं। दूसरी तरफ अंकुर ने पहले ही प्रयास में UPSC 2016 में एग्जाम क्लियर कर लिया और आईपीएस अधिकारी बने।

दोनों निभा रहे हैं जिम्मेदारी: वृंदा कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। नोएडा में कमिश्नरेट सिस्टम शुरू होने के बाद एडिशनल डीसीपी के रूप में आधिकारिक तौर पर अधिकारियों की तैनाती नहीं की गई थी। इसके बाद वृंदा शुक्ला को पुलिस उपायुक्त (DCP) गौतमबुद्ध नगर बनाया गया था और डीसीपी महिला सुरक्षा के पद की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, अंकुर अग्रवाल को यहीं एडिशनल डीसीपी के पद की जिम्मेदारी दी गई थी, ऐसे में वृंदा उनसे पद में बड़ी हैं। दोनों अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।