IAS अधिकारी अनुपमा अंजलि की संघर्ष गाथा किसी भी व्यक्ति को प्रेरणा दे सकती है। यूपीएससी में हर साल लाखों बच्चे बैठते हैं, लेकिन कामयाबी बहुत लोगों को ही हासिल होती है। क्योंकि यूपीएससी के लिए कठिन परिश्रम के लिए मेंटली प्रिपेयर भी रहना होता है। अनुपमा अंजलि ने खुद को मेंटली और फिजिकली दोनों तरह से फिट रखा और साल 2018 के यूपीएससी एग्जाम में कामयाबी हासिल की थी।

अनुपमा अंजलि को यूपीएससी क्लियर करने के बाद आंध्र प्रदेश कैडर मिला था। एग्जाम क्लियर करने के बाद अनुपमा गुंटूर जिले की जॉइंट कलेक्टर बनी थीं। अनुपमा अपने जिले में गरीब बच्चों की मदद भी करती हैं और यूपीएससी क्लियर करने की इच्छा रखने वालों को तैयारी की सलाह भी देती हैं। अनुपमा कहती हैं, ‘अगर आप नेगेटिव थॉट्स से नहीं उबरेंगे, तो यहां सफलता प्राप्त करना काफी मुश्किल हो जाएगा। आपको खुद को मोटिवेट रखकर लगातार मेहनत करनी होगी। मोटिवेशन ही आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।’

अनुपमा का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान आप जरूरी चीजों के नोट्स बना सकते हैं। क्योंकि कई बार कैंडिडेट्स सीधा बुक से पढ़ाई करने लगते हैं। इससे क्या होता है कि आप जब एग्जाम के दौरान रिवीजन करने लगेंगे तो कंफ्यूज हो जाएंगे। क्योंकि ज्यादा हाईलाइट करने से कई बार चीजें कंफ्यूजिंग हो जाती है। इसलिए नोट्स बनाएं और उन्हीं में से बार-बार रिवीजन करें।

पार्टी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करें: अनुपमा ने आगे बताया था आपको अपना माइंड ठीक रखना भी बहुत जरूरी है। इसलिए पार्टी और दोस्तों के साथ चिलआउट करना भूल जाइए। दोस्तों के साथ पार्टी करना या किसी फंक्शन में शामिल होने के बजाय आपको खुद को परीक्षा के लिए तैयार करना चाहिए। यह करना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन अगर आप ऐसा करेंगे तो आप यूपीएससी में जरूर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।