Singapore: सिंगापुर ने बुधवार को मादक पदार्थों की तस्करी के दोषी एक भारतीय मूल के 46 वर्षीय तंगाराजू सुपैया को फांसी पर लटका दिया। सुपैया के पास सिंगापुर की नागरिकता थी। सुपैया के परिवार ने कहा कि सिंगापुर के राष्ट्रपति से क्षमादान के लिए उसके रिश्तेदारों और कार्यकर्ताओं की दलीलों के बावजूद उसको मौत की सजा दी गई। सिंगापुर के इस कदम की दुनिया भर में आलोचना हो रही है।

सिंगापुर ने ड्रग्स के मामले में पिछले साल 11 लोगों को दी मौत की सजा

तंगराजू सुपैया को साल 2018 में एक किलो से अधिक गांजे की तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था। सिंगापुर में 500 ग्राम ड्रग्स रखने पर ही मौत की सजा है। सुपैया मामले में मिले ड्रग्स को इससे दोगुना पाया गया। हालांकि, बचाव पक्ष का दावा है कि सुपैया के पास से ड्रग्स नहीं मिला था। सिंगापुर अपने सख्त नशा विरोधी कानून के लिए जाना जाता है। सिंगापुर ने पिछले साल 11 लोगों को मौत की सजा दी और कहा कि मौत की सजा ड्रग्स के खिलाफ एक असरदार सजा है और सिंगापुर के अधिकांश लोग इस नीति का समर्थन करते हैं।

मौत की सजा को लेकर सिंगापुर पर दुनिया भर से उठे सवाल

सिंगापुर में भारतीय मूल के सुपैया को मौत की सजा दिए जाने से पहले और बाद में सिंगापुर की सरकार पर दुनिया भर से सवाल उठ रहे हैं। मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UN Human Rights) ने भी सिंगापुर को “नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए फांसी पर एक औपचारिक स्थगन अपनाने” के लिए कहा था। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी सिंगापुर पर तंगराजू सुपैया को लेकर सही कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने की बात कही।

परिवार का आरोप- बेगुनाही साबित करने का समय नहीं मिला

सिंगापुर की एक मानव अधिकार कार्यकर्ता कोकिला अन्नामलाई ने तंगराजू सुपैया के परिवार का प्रतिनिधित्व करते हुए पुष्टि की कि राष्ट्रपति द्वारा फांसी की पूर्व संध्या पर क्षमादान की दलीलों को खारिज करने के बाद उसे फांसी दी गई थी। सिंगापुर सरकार ने इस मामले में टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक तंगराजू सुपैया की बहन लीला और भांजी ने दावा किया है कि सुपैया बेगुनाह था। वह जेल के अंदर से भी अपनी बेगुनाही के लिए लड़ना चाहता था। उसे विश्वास था कि सिंगापुर में एक निष्पक्ष सुनवाई होगी।

ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन ने कहा- सिंगापुर का सिस्टम ध्वस्त

ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन ने भी तंगराजू सुपैया के मानवीय अधिकारों का समर्थन किया था। उन्होंने दावा किया था कि सुपैया की सजा मानकों को पूरा नहीं करती थी और “सिंगापुर एक निर्दोष व्यक्ति को मारने वाला हो सकता है।” मौत की सजा के प्रसिद्ध विरोधी ब्रैनसन ने कहा था कि सुपैया के खिलाफ सिंगापुर कोर्ट का फैसला आपराधिक सजा के मानकों को पूरा नहीं करता था। क्योंकि जब उसे गिरफ्तार किया गया था तो वह ड्रग्स के पास नहीं था। ब्रिटिश कारोबारी ने कहा कि मौत की इस सजा से सिंगापुर का सिस्टम ध्वस्त हो गया लगता है।

सिंगापुर सरकार ने ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन को बताया झूठा

ब्रैनसन के जवाब में सिंगापुर की सरकार ने कहा कि वह झूठ बोल रहे थे और उनकी न्याय प्रणाली का अनादर कर रहे थे। सिंगापुर ने कहा कि उसकी अदालतों ने मामले की जांच में तीन साल से अधिक समय बिताया था। इसलिए ब्रैनसन का दावा “स्पष्ट रूप से असत्य” था। हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तंगराजू सुपैया को सिंगापुर से एक किलो (1017.9 ग्राम) गांजा मलेशिया पहुंचाने की साजिश यानी तस्करी के लिए उकसाने में दोषी पाया गया था। उसे गांजे के साथ नहीं पकड़ा गया था।

बीते साल एक ड्रग तस्कर नागेंद्रन को दी गई थी मौत की सजा

इससे पहले सिंगापुर सरकार ने 22 अप्रैल 2022 को भी एक ड्रग तस्कर नागेंद्रन धर्मलिंगम को फांसी की सजा दी थी। तीन चम्मच हेरोइन के साथ पकड़े गए नागेंद्रन धर्मलिंगम के बचाव पक्ष ने कोर्ट में दलील दी थी कि वह मानसिक रूप से बीमार है इसलिए फांसी पर न चढ़ाया जाए। कोर्ट ने उसकी याचिका को ठुकरा दिया और नागेंद्रन को फांसी दे दी गई थी। सिंगापुर ने इस साल ड्रग तस्करी मामले में फांसी की पहली सजा सुपैया को दी है।