देश की राजधानी दिल्ली में मर्जी के खिलाफ शादी करने पर तीन साल तक घर वालों ने महिला को कमरे में बंद कर के रखा। आरोप है कि वे उस दौरान महिला के साथ मार-पीट भी करते थे। मामले की शिकायत पर दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने दखल दी, तब जाकर पति से उसका मिलन हो पाया। 24 वर्षीय पीड़िता के परिजन उस पर पति से दूर रहने और उसे तलाक देने को लेकर लगातार दबाव बना रहे थे। इंजीनियर पति ने इसके बाद डीसीब्ल्यू से मदद मांगी, जिस पर कुछ टीमें बनाई गईं और पति-पत्नी का मिलन हो सका।
‘टीओआई’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पति-पत्नी शादी से पहले पड़ोसी थे और वे एक-दूसरे को जानते थे। यह बात उनके परिजन को भी मालूम थी। इंजीनियर के मुताबिक, छह साल रिलेशन के बाद तीन साल पहले उनकी शादी हुई थी। हालांकि, परिजन ने उनके रिश्ते को नहीं स्वीकारा, जबकि उस वक्त वे दोनों बालिग थे और उनके पास यह साबित करने के लिए उचित दस्तावेज भी थे।
फिर क्या था, पति की शिकायत पर पुलिस का दस्ता डीसीडब्ल्यू की टीम लेकर महिला के घर पहुंचा, जहां वह बेहद खराब हालत में मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता को बुरी तरह पीटा गया था और एक अलग कमरे में बंद कर के रखा गया था। पीड़िता के अनुसार, वह पति के साथ ही रहना चाहती है।
वहीं, परिजन का कहना था कि चूंकि उसका पति दूसरे धर्म से नाता रखता है, लिहाजा वे उसे नहीं स्वीकार सकते। अगर पति उनका धर्म कबूल ले, तब वह शादी को जायज मान लेंगे। डीसीडब्ल्यू ने इस बाबत दंपति को पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।
अंग्रेजी अखबार को डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया, “यह बेहद शर्म की बात है कि आज भी और इस उम्र में परिजन खुद के बच्चों को टॉर्चर करते हैं, उनसे जोर-जबरदस्ती करते हैं और अपनी इच्छाएं उन पर थोपते हैं। आयोग ऐसे में पीड़ित पक्ष की मदद के लिए खड़ा है।”