तेलंगाना के हैदराबाद में पुलिस ने जॉब के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में हैदराबाद स्थित एक कंपनी के सीईओ समेत 13 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने देश-विदेश के करीब एक लाख लोगों से जॉब के नाम पर 28 करोड़ रुपये की वसूली की। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के बैंक खाते को सीज कर दिया गया है। इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब हैदराबाद के रहनेवाले येदुकुंडालु गन्नवरपु ने 21 जनवरी को पुलिस से संपर्क किया।
येदुकंडालु के अनुसार, उसने विजडम आईटी सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कथित सीईओ अजय कोल्ला के कहने पर करीब 48 हजार रुपये जमा किए। लेकिन उसे जॉब नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने पीडि़त की बात पर जांच शुरू की तो यह खुलासा हुआ कि फर्जी कंपनी ने देश के 69,962 लोगों के साथ जालसाजी की और उनसे 28 करोड़ रुपये ठगे। पुलिस ने यह भी बताया कि करीब 35 हजार विदेशियों के साथ भी ठगी की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साइबर क्राइम पुलिस ने पाया कि विजडम के भारत और गल्फ के ‘हेड ऑफ ऑपरेशन’, उसके टीम लीडर तथा सेल्स एक्सक्यूटिव भारत, गल्फ देश, नीदरलैंड, जॉर्डन, यूके, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में रहने वाले नौकरी की तलाश में लगे लोगों से संपर्क करते थे और उनसे ठगी कर काफी रकम इकट्ठा की। आरोपी अजय ने 2009 में फर्जी संस्थान का निर्माण किया था। हाई-टेक सिटी, मधापुर में आईटी और आईटी से संबंधित सेवाओं की पेशकश की, और यहां तक कि इसने फरवरी 2011 में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनिज के साथ रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया था।
कंपनी के टीम लीडर और सेल्स एक्सक्यूटिव फर्जी इंटरव्यू का आयोजन करते थे और खुद को टॉप मल्टी नेशनल कंपनी का एचआर बताते थे। अभ्यर्थियों को नौकरी का झांसा देकर उनसे पैसे ठगे जाते थे। येदुकंडालु भी नौकरी की तलाश में थे और उन्होंने अपना रिज्यूम Wisdomjobgulf.com पोर्टल पर अपलोड किया था। इसके बाद उन्हें सेल्स एक्सक्यूटिव की तरफ से कॉल आया। उनसे रिज्यूम फॉरवर्डिंग सर्विस के नाम पर 10 हजार रुपये जमा करवाने को बोले गए। आरोपियों ने उन्हें मिडिल इस्ट स्थित एक कंपनी में नौकरी दिलवाने का आश्वासन भी दिया और कहा कि उस कंपनी का विजडम के साथ समझौता है।
येदुकंडालु ने कथित तौर पर दुबई स्थित रावेन जनरल पेट्रोलियम के एचआर अंजेला बोस को फोन पर इंटरव्यू दिया। बोस ने उन्हें सीनियर मैनेजर पोस्ट का ऑफर दिया। एक बार फिर सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के नाम पर 37 हजार रुपये जमा करने को कहा गया, जिसे येदुकंडालु ने जमा कर दिया। इसके बाद उन्हें रावेन जनरल पेट्रोलियम की तरफ से फोन आना बंद हो गए और ठगे जाने का आभास हुआ। उन्होंने तत्काल पुलिस से इसकी शिकायत की। पुलिस ने जांच के क्रम में पूरे मामले का भंडाफोड़ किया है। अरोपियों के खाते में जमा 19 लाख की रकम को सीज कर दिया गया है।