हैदराबाद में गैंगरेप के बाद हत्या मामले में मृतका के परिजनों से एनसीडब्ल्यू के सदस्यों ने मुलाकात की। इस दौरान महिला डॉक्टर के परिजनों ने तेलंगाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने वारदात के दौरान ‘निगेटिव रोल’ निभाया और ‘कीमती समय बर्बाद किया’ जो कि महिला वेटरनी डॉक्टर को बचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। बता दें कि डॉक्टर का क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर शव को जला दिया गया था।
मृतका के परिवार का आरोप: महिला डॉक्टर के परिवार ने बताया कि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका निगेटिव रही। पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनी। पुलिस का कहना था कि पीड़िता को वहां से भाग निकलना चाहिए था। जबकि वह खुद घटनास्थल के सीमा विवाद में उलझी रही थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। वे एक जिंदगी बचा सकते थे। परिवार ने ये बयान उस समय दिया जब राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के सदस्य उनके घर पहुंचे थे।
महिला आयोग का बयान: NCW की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि परिवार ने कहा कि पुलिस ने मामले में “नकारात्मक भूमिका” निभाई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि शिकायत दर्ज करने से पहले, पुलिस ने आरोप लगाया कि उसने किसी के साथ भाग गई। शर्मा ने दावा किया कि महिला खोजने के दौरान पुलिस ने बहुत समय बर्बाद किया। वह सीमा विवाद को लेकर आपस में लड़ रही थी।
तेलंगाना के मंत्री के बयान पर कही ये बात: महिला आयोग की अध्यक्ष ने तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद अली के उस बयान पर टिप्पणी की जिसमें उन्होंने कहा था कि पीड़िता को अपनी बहन को बुलाने के बजाय पुलिस को फोन करना चाहिए था। वह अगर पुलिस को फोन करती तो बच सकती थी क्योंकि कुछ मिनट में मदद पहुंच जाती। शर्मा ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने हमें बताया कि पुलिस ने “कीमती तीन से चार घंटे” बर्बाद किए, जो कि उसकी जान बचाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते थे। उन्होंने कहा कि हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजने की मांग करते हैं और जिम्मेदार लोगों को फांसी की सजा दी जाए।