आज बात एक मुख्यमंत्री की जिसकी हत्या दुश्मन देश के द्वारा कर दी गई थी। यह थे गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री और पंचायती राज के पितामह कहे जाने वाले बलवंतराय मेहता। 19 सितंबर 1965 को एक पाकिस्तानी फाइटर जेट ने मेहता के हेलीकॉप्टर को निशाना बनाया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। बलवंतराय मेहता भारत के पहले नेता थे, जो सीमा पर एक सैन्य कार्रवाई में मारे गए थे।
तारीख 19 सितंबर और साल 1965। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच तनाव था। 19 सितंबर को गुजरात के मुख्यमंत्री बलवंतराव मेहता, अहमदाबाद से करीब 400 किलोमीटर दूर द्वारका के पास मीठापुर जाने वाले थे। यहां उन्हें एक रैली में भाषण देना था। 19 सितंबर की दोपहर में करीब डेढ़ बजे बलवंतराय मेहता अपनी पत्नी सरोजबेन, तीन सहयोगियों व एक पत्रकार के साथ रवाना हुए। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर वह जहांगीर जंगू इंजीनियर से मिले।
जहांगीर जंगू इंजीनियर, पहले भारतीय वायुसेना के पायलट रहे थे, जो कि बाद में गुजरात के मुख्यमंत्री को सेवाएं दे रहे थे। मुख्य पायलट जहांगीर जंगू ने सभी के विमान में बैठते ही बीचक्राफ्ट हेलीकॉप्टर स्टार्ट किया और फिर गंतव्य के लिए उड़ान भरी। अभी कुछ ही समय हुआ था कि पकिस्तान के फाइटर पायलट कैस हुसैन ने भुज की तरफ जा रहे मुख्यमंत्री के विमान को मिठाली गांव के पास इंटरसेप्ट किया। ऐसे में मुख्य पायलट जहांगीर जंगू ने विमान के डैने हिलाकर कैस हुसैन को संकेत दिया।
वायुक्षेत्र में किसी विमान द्वारा डैने (पंख) हिलाने को उड़ान की भाषा में ‘दया करने या किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई न करने का आग्रह’ माना जाता है। कुछ ऐसा ही गुजरात सीएम के पायलट जहांगीर जंगू ने भी किया लेकिन पाकिस्तानी फाइटर पायलट कैस हुसैन ने निशाना लेकर फायर खोल दिया। मीठापुर से 100 किलोमीटर पहले ही बीचक्राफ्ट हेलीकॉप्टर पर दो फायर हुए। चंद सेकेंड में बलवंतराय मेहता का बीचक्राफ्ट हेलीकॉप्टर आग के गोले में तब्दील हो गया।
इस घटना के बाद रिपोर्ट्स में कहा गया कि फाइटर पायलट कैस हुसैन उस दिन 20 हजार फीट की ऊंचाई में भारतीय सीमा में घुस आया था। वहीं, बीबीसी से बात करते हुए कैस हुसैन ने बाद में बताया था कि उसने अपने पाक कंट्रोलर को कहा था कि यह असैनिक जहाज है। लेकिन उन्हें पाक कंट्रोलर ने आदेश दिया था कि वह उस विमान को शूट कर दें। कैस के मुताबिक, युद्ध के दौरान पाक को आशंका थी कि कहीं वह असैनिक जहाज सीमा के पास तस्वीरें तो नहीं ले रहा।
हालांकि, घटना के 46 साल बाद 6 अगस्त 2011 को फाइटर पायलट कैस हुसैन ने जहांगीर जंगू इंजीनियर की बेटी फरीदा सिंह को ईमेल के जरिए पत्र लिखकर घटना पर खेद जताते हुए माफी मांगी थी। जिसके बाद जंगू इंजीनियर की बेटी फरीदा सिंह ने भी कैस हुसैन के पत्र पर जवाब भेजा था। बता दें कि बलवंतराय मेहता गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री थे।
