नोएडा में रेव पार्टी के दौरान सांप का जहर सप्लाई करने के आरोप में यूट्यूबर एल्विश यादव बुरा फंस गए हैं। अभी भी मामले की जांच की जा रही है और कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। अब इस मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। नोएडा के जिस पुलिस थाने में एल्विश और उसके दूसरे साथियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी, वहां के पुलिस अधिकारी को ही लाइन हाजिर कर दिया गया है, यानी कि उस पर गाज गिरी है।

क्यों हुई पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई?

बताया ये जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने थाना 49 प्रभारी संदीप सिंह चौधरी को लाइन हाजिर किया। उन पर आरोप लगा कि वे अपराध को नियंत्रण करने में फेल रहे, इसी वजह से उनका ट्रांसफर कर दिया गया। अब पुलिस कमिश्नर ने जरूर इस पूरे मामले को एक एंगल से देखा है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि एल्विश के खिलाफ कार्रवाई होने की वजह से ये गाज गिरी है। अभी तक पुलिस अधिकारी संदीप सिंह चौधरी ने इस एक्शन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कैसे फंसे एल्विश?

इस मामले की बात करें तो बीजेपी नेता मेनका गांधी का एक एनजीओ है जिसने कुछ दिन पहले एक बड़ा स्टिंग ऑपरेश किया था। उस ऑपरेशन के बाद पता चला था एल्विश नोएडा में स्नेक वेनम और जिंदा सांपों का वीडियो शूट करवाते थे। उन पर रेव पार्टियों के आयोजन का भी आरोप लगा था। अब अभी के लिए एल्विश यादव तो सीधे-सीधे मेनका गांधी को ही चुनौती देने का काम कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ वे खुद भी मुश्किलों में फंसते जा रहे हैं।

यूट्यूबर ने अपने लेटेस्ट व्लॉग में कहा था कि मेनका गांधी ने मुझे सांपों का सरगना कहा। मुझे तो ये पता नहीं है कि क्या होता है। होता होगा कुछ। सांपों का हेड, सांप बेचने वाले सप्लाइयर्स का हेड। एक मानहानि का केस आएगा। ऐसे नहीं छोड़ने वाला हूं। इतने हल्के में तो मैं छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं अब इन चीजों में एक्टिव हो चुका हूं।