भारत के बैंकिंग सेक्टर में बीते कुछ सालों में सरकार द्वारा बड़े परिवर्तन किए गए हैं। जिनमें डिजिटलीकरण एक अहम बदलाव है। देश के अधिकतर लोग डिजिटलाइजेशन के तहत ऑनलाइन लेनेदेन कर रहे हैं। तकरीबन लोगों की पहुंच अब एटीएम कार्ड, यूपीआई और नेट बैंकिंग तक हो चुकी है। हालांकि, इन सभी तरीकों के लिए एक खास सावधानी बरतनी पड़ती है। जिनमें पासवर्ड दर्ज करना मुख्य व आवश्यक है।
जहां देश में एक तरफ डिजिटलीकरण की रफ़्तार तेजी से बढ़ी है, वहीं साइबर अपराध के मामलों में भी भारी उछाल आया है। साइबर अपराधी अपने नए-नए हथकंडों ने लोगों की निजी जानकारी चुराकर उनके बैंक खतों को खाली कर देते हैं। जालसाजों के इन हथकंडों में नेट बैंकिंग के पासवर्ड को चुराना भी शामिल है। अधिकतर लोग बार-बार पासवर्ड भूलने की आदत के चक्कर में एक गलती कर बैठते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं।
दरअसल केंद्र सरकार का सूचना विभाग देश में बढ़ते साइबर अपराध से लोगों को बचाने के लिए अपने आधिकारिक ट्विटर साइबर दोस्त के जरिए जानकारी देता रहता है। साइबर दोस्त ने एक बार फिर से आज लोगों को सावधान करते हुए बताया है कि कोई भी व्यक्ति बैंकिंग या अन्य संवेदनशील वेबसाइट पर अपना पासवर्ड सेव रखने का विकल्प कभी न चुनें। अब अगर आपने यह गलती कर दी है तो ठगी से बचने के लिए तुरंत अपना पासवर्ड बदल दें।
साइबर दोस्त ने मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, बैंकिंग और संवेदनशील वैबसाइट पर “पासवर्ड सुरक्षित रखने वाला” (Remember my password) विकल्प कभी न चुने। सतर्क रहें एवं साइबर सुरक्षित रहें। दरअसल, कई बार लोग पासवर्ड भूल जाते हैं या फिर बार-बार पासवर्ड डालने से बचने के लिए वेबसाइट पर पासवर्ड सेव करने के विकल्प पर क्लिक कर देते हैं। हालांकि, यह तरीका सुरक्षित नहीं माना जाता है और लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
बता दें कि, साइबर दोस्त और अन्य बैंक भी समय-समय पर लोगों को सतर्क करते हैं। जिनमें अक्सर यह कहा जाता है कि यदि आप यूपीआई पिन, नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि का इस्तेमाल करते हैं तो इनसे जुड़ी गोपनीय जानकारियां कभी शेयर न करें। इसके अलावा किसी भी पासवर्ड को अपने मोबाइल न सेव करें और न ही कहीं लिख कर रखें।