फेल हो जाने के डर से दो दिन पहले फांसी लगा चुकी दसवीं कक्षा की एक छात्रा को परीक्षा में 70 फीसदी अंक मिले हैं। अंग्रेजी में उसने 82 फीसदी अंक हासिल किए हैं जबकि उसे इस विषय में अनुत्तीर्ण होने की आशंका थी। छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और घर की ओर से उस पर कोई दबाव नहीं था। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी का पेपर दे कर आने के बाद से ही वह परेशान थी और लंबे उत्तर की वजह से कुछ प्रश्न छूट जाने के कारण उसे फेल हो जाने की आशंका थी। शर्मिष्ठा राउत नामक यह छात्रा पेंटिंग बनाती थी और उसने कई अवार्ड भी जीते थे।
थाना सेक्टर 24 के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मोरना गांव में रहने वाली, 10 वीं कक्षा की छात्रा शर्मिष्ठा राऊत ने 3 दिन पूर्व परीक्षा में कम नंबर आने के भय से, घर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसके जाने के बाद घर में मातम माहौल पसरा हुआ है। मृतक छात्रा के दोस्तों भी उसके ऐसा करने से बेहद दुखी हैं। नई दिल्ली में भी एक 17 साल की छात्रा ने 12वीं के एग्जाम के रिजल्ट के बाद आत्महत्या कर ली। फेल होने की बात वह अपने पेरेंट्स को नहीं बता पा रही थी और डर के कारण उसने खुदकुशी कर ली।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इस तरह की तमाम घटनाएं सुनने को मिलती है। कई स्टूडेंट्स अपने नंबर कम आने को लेकर निराशा जाहिर करते हैं तो कुछ ऐसे छात्र भी जो फेल होने के बाद आत्महत्या करते हैं। ऐसे मामले सिर्फ बोर्ड एग्जाम के दौरान ही सुनने को नहीं मिलते बल्कि कई इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा में अव्वल न होने पर खुद को हानि पहुंचाते हैं। इसी साल जनवरी में 27 साल की एक मेडिकल की छात्रा से 12 मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

