बिहार में एक बार फिर हॉनर किलिंग का मामला सामने आया है। लेकिन यह केस अन्य मर्डर केस की तरह नहीं था। इसमें महिला मरकर भी कातिलों की पहचान पुलिस के लिए छोड़ गई। हालांकि इसके बाद भी पुलिस ने के लिए कातिल की पहचान करना आसान नहीं था। पुलिस को इस केस में तकनीकी जांच का सहारा लेना पड़ा। दरअसल, भागलपुर जिले के ईशीपुर बाराहाट थाना इलाके के किसनीचतगांव में दो फरवरी को अज्ञात महिला का शव मिला। शव मिलने से हड़कम्प मच गया। इस खबर से लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। वहीं पर लोगों ने महिला की पहचान की।
मृतक महिला की पहचान गांव के ही कमलेश महतो की पत्नी मुन्नी देवी के तौर पर हुई। शव मिलने की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस के साथ एएसपी दिलनवाजन भी मौके पर पहुंच गए। यहां से तो पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पहली नजर में पुलिस को यह केस पेंचीदा नहीं लग रहा था। लेकिन जांच में जुटी पुलिस को बड़ा सुराग हाथ लगा। यह सुराग पुलिस को मृतक महिला के मुंह से मिला। महिला के मुंह में किसी व्यक्ति की उंगली का कटा हुआ हिस्सा था।
इसके बाद पुलिस ने कंटी उंगली की जांच शुरू की। जांच में कटी हुई उंगली का भाग सुनील कुमार नाम के व्यक्ति के आधार से मैच हो गया। इसके बाद पुलिस ने सुनील के मोबाइल नंबर की जांच कराई। पुलिस अब एकदम सही रास्ते पर जा रही थी। सुनील की लोकेशन भी महिला के साथ रात में होने की मिली। इसके बाद पुलिस ने सुनील को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ में ही सुनील ने सारे राज खोल दिए।
मामले पर कहलगांव के एएसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि, किसनीचतगांव के एक खेल में अज्ञात महिला का शव मिला था। महिला की पहचान मुन्नी देवी के रूप में हुई। वह उसी गांव की रहने वाली थीं। उन्होंने बताया कि मृतका का देवर संतोष भारती को गिरफ्तार किया गया है। मृतका मोबाइल भी कुएं से बरामद कर लिया गया है। जो इन दोनों ने ही फेंका था। दोनों महिला को प्लानिंग के तहत लाए और गला दबाकर गोली मार दी। गिरफ्तार किए गए संतोष ने बताया कि, उसकी भाभी का चरित्र सही नहीं था। उसके कई लोगों से अवैध संबंध थे। जिसकी करतूतें दूसरे लोग सुनाया करते थे। इसी आजिज आकर संतोष ने पड़ोसी सुनील के साथ मिलकर अपनी भाभी की हत्या की योजना बना डाली।
