पंजाब के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने स्‍कूल में टॉयलेट्स साफ सुथरे रखने के लिए एक नया आइडिया पेश किया है। डिपार्टमेंट चाहता है कि स्‍टूडेंट्स और टीचर अलग-अलग के बजाए एक ही टॉयलेट का इस्‍तेमाल करें। स्‍कूल एजुकेशन के डायरेक्‍टर प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ”अगर टीचर और स्‍टूडेंट एक ही टॉयलेट का इस्‍तेमाल करेंगे तो टीचरों के बारे में सोचकर स्‍टूडेंट्स इस बात का ख्‍याल रखेंगे कि टॉयलेट्स साफ सुथरे हों।” वहीं, अमृतसर डिस्‍ट्र‍िक्‍ट एजुकेशन ऑफिसर (सेकंडरी एजुकेशन) सतींदरवीर सिंह ने कहा, ”यह एक अच्‍छा आइडिया है। टीचर अपने स्‍टूडेंट्स के साथ टॉयलेट शेयर करेंगे। इस तरह से अगर सफाई की जरूरत पड़ी तो टीचर जरूरी कदम भी उठाएंगे।”

सर्व शिक्षा अभियान पंजाब के स्‍टेट प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर की ओर से राज्‍य के सभी सरकारी स्‍कूलों के प्र‍िंसिपलों को इस बारे में लेटर लिखा गया है। लेटर की एक कॉपी ब्‍लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को भी भेजा गया है। इस लेटर में निर्देश दिया गया है कि स्‍कूलों में टीचरों के लिए अलग टॉयलेट न हों। लेटर में लिखा है, ”स्‍टूडेंट्स के अनुपात के आधार पर सभी टॉयलेट्स को लड़के और लड़कियों के बीच बांट लिया जाए। इनमें से एक सेट का इस्‍तेमाल लड़के और पुरुष स्‍टाफ करेगा, जबकि दूसरे सेट का इस्‍तेमाल लड़कियां और महिला स्‍टाफ करेंगी। इसका मतलब यह है कि स्‍टाफ के लिए अलग से टॉयलेट्स नहीं होंगे। यह भी स्‍पष्‍ट किया जाता है कि एक कैंपस में चल रहे कई स्‍कूल मिल जुलकर टॉयलेट्स का इस्‍तेमाल करेंगे। ” बता दें कि स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत कुछ महीने पहले ही पूरे राज्‍य में 1335 नए टॉयलेट बने हैं। लेटर में इस बात का भी जिक्र है कि कई स्‍कूलों में शारीरिक तौर पर अक्षम स्‍टूडेंट्स के लिए टॉयलेट्स तो हैं, लेकिन ऐसे स्‍टूडेंट्स के न होने की वजह से आम बच्‍चे उनका इस्‍तेमाल नहीं कर पाते। इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे टॉयलेट्स का इस्‍तेमाल दूसरे बच्‍चों को करने की भी मंजूरी दी जाए।