भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल इस केंद्रीय बैंक के 24वें गवर्नर होंगे। वह रघुराम राजन का स्थान लेंगे जो चार सितंबर को पदमुक्त होंगे। पटेल की उम्र 52 वर्ष है। उन्हें 11 जनवरी 2013 को रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था और इस साल जनवरी में उन्हें सेवाविस्तार दिया गया। रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर के तौर पर पटेल ने आरबीआई की उस समिति की अध्यक्षता की जिसे मौद्रिक नीति रपट का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। बाद में यही रपट केंद्रीय बैंक में चल रहे वर्तमान सुधारों का आधार बनी। पटेल समिति की इसी रपट के आधार पर ही मौद्रिक नीति समिति का गठन हुआ। इसके गठन से आरबीआई और उसके गवर्नर की कई सारी शक्तियां समिति के पास चली गई। इसके अलावा सार्वजनिक रिण प्रबंधन एजेंसी बनाने का कदम भी इसी रपट के आधार पर उठाया गया है।

स्वतंत्र मौद्रिक नीति समिति के तहत सरकार आरबीआई के लिए एक महंगाई लक्ष्य तय करेगी और आरबीआई गवर्नर यदि उस महंगाई लक्ष्य को पाने में नाकाम रहते हैं तो वह संसद के प्रति जवाबदेह होगा। इस समिति का गठन किया जा रहा है। आरबीआई में डिप्टी गवर्नर नियुक्त होने से पहले पटेल दि बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप में सलाहकार (ऊर्जा एवं बुनियादी ढांचा) थे। उन्होंने 1990 में येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और 1986 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड से एम.फिल किया था। वह 2009 से द ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन में एक अनिवासी वरिष्ठ फैलो रहे हैं।

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पटेल ने 1990 से 1995 के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में अमेरिका, भारत, बहमास और म्यांमार डेस्क पर काम किया। वह 1996-1997 तक आईएमएफ से रिजर्व बैंक में प्रतिनियुक्त पर रहे। इस दौरान उन्होंने रिण बाजार के विकास, बैंकिंग क्षेत्र के सुधार, पेंशन कोष सुधार, वास्तविक विनिमय दर लक्ष्य और विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार के विकास पर सलाह दी। वर्ष 1998 से 2001 के बीच वह वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में एक सलाहकार रहे। इसके अलावा वह रिलायंस इंडस्ट्री में अध्यक्ष (कारोबार विकास), आईडीएफसी में कार्यकारी निदेशक एवं प्रबंधकीय समिति के सदस्य, एकीकृत ऊर्जा नीति समिति के सदस्य और गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम लिमिटेड में निदेशक मंडल के सदस्य भी रहे हैं।

वर्ष 2000 से 2004 के बीच पटेल ने कई उच्च स्तरीय राज्य एवं केंद्रीय समितियों में कार्य किया। इनमें प्रत्यक्ष कर पर कार्यबल, वित्त मंत्रालय, शोध परियोजनाओं और बाजार अध्ययन पर सलाहकार समिति, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, अवसंरचना पर प्रधानमंत्री के कार्यबल के लिए सचिवालय, दूरसंचार मामलों पर मंत्री समूह और नागर विमानन सुधार समिति इत्यादि शामिल हैं। पटेल ने कई तकनीकी प्रकाशन, दस्तावेज और भारतीय वृहद अर्थव्यवस्था पर टिप्पणियां भी लिखी हैं।

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