भारतीय रिजर्व बैंक ने सोने को गिरवी रखने के एवज में मिलने वाले लोन की रकम को 90 फीसदी कर दिया है। अब तक सोने के मूल्य के 75 फीसदी के बराबर ही लोन मिल सकता था। कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे तमाम लोगों के लिए यह फैसला बड़ी राहत साबित हो सकता है। गोल्ड लोन के जरिए आप आसानी से कम ब्याज पर पूंजी हासिल कर सकते हैं। हालांकि गोल्ड लोन को लेकर अब भी कुछ बातें ध्यान देने की जरूरत है। जैसे एनबीएफसी यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की बजाय बैंक से लोन लेना ज्यादा बेहतर होगा। आइए जानते हैं, गोल्ड लोन में किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी…

आरबीआई ने गोल्ड लोन पर एलटीवी (लोन टू वैल्यू रेश्यो) को बढ़ाकर 90 फीसदी कर दिया है, जो अब तक 75 पर्सेंट तक था। हालांकि केंद्रीय बैंक की ओर से यह राहत सिर्फ बैंकों को ही दी गई है। पूरी तरह से गोल्ड लोन का ही कारोबार करने वाली कंपनियों को यह राहत नहीं दी गई है। यह छूट मार्च, 2021 तक के लिए दी गई है। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि यदि कोई व्यक्ति एक लाख रुपये का सोना बैंक में गिरवी रखता है तो उसे 90,000 रुपये तक का लोन मिल सकता है। हालांकि गोल्ड लोन एनबीएफसी से यह कर्ज 75,000 रुपये ही मिलेगा।

इसके अलावा बैंक से ही गोल्ड लोन लेने का एक फायदा यह होगा कि आपको 200 से 500 बेसिस पॉइंट्स (2 से 5 पर्सेंट सालाना) तक कम ब्याज पर कर्ज मिलेगा। वर्किंग कैपिटल के संकट से जूझ रहे छोटे कारोबारियों और नौकरी गंवाने वाले लाखों लोगों को आरबीआई के इस फैसले से राहत मिल सकेगी। गोल्ड लोन के जरिए बिना किसी गारंटी के झंझट और तमाम प्रक्रियाओं के बिना रकम हासिल हो सकेगी।

बैंक और ग्राहकों के लिए है यह रिस्क: कोरोना वायरस के इस संकट के दौर में सोने की कीमतों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। लेकिन माना जा रहा है कि आर्थिक स्थिति में सुधार आने पर गोल्ड की कीमत में कमी आ सकती है। ऐसे में गोल्ड को गिरवी रखकर 90 पर्सेंट लोन देने पर बैंकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में बैंक ग्राहकों से यह कह सकते हैं कि वे लोन के एवज में कुछ और सोना जमा कराएं।