यूनाइटेड स्प्रिट्सि लिमिटेड (यूएसएल) द्वारा पूर्व प्रवर्तकों द्वारा 1225 करोड़ रुपए के धन की हेरीफेरी का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद उद्योगपति विजय माल्या ने इन आरोपों का खंडन करते हुए रविवार (10 जुलाई) को कहा कि सभी सौदे ‘विधिसम्मत व साफ’ थे और कंपनी अब ‘अनावश्यक आरोप’ लगा रही है। उन्होंने कहा कि डियाजियो ने शेयर खरीदने से पहले देनदारियों व संपत्तियों का विस्तृत अध्ययन किया था और अब इस तरह के आरोप लगाना ‘दुर्भाग्यपूर्ण तथा हैरानी भरा’ हैं। उल्लेखनीय है कि माल्या की अगुवाई वाले यूबी समूह ने यूएसएल में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी 2013 में डियाजियो को बेची थी।

माल्या ने अपने जनसंपर्क अधिकारी के जरिए ईमेल से भेजे गए बयान में कहा है,‘ मुझे (ऑडिफ फर्म) ई वाई द्वारा कथित जांच व आरोपों की कोई जानकारी नहीं है। हैरानी है कि न तो यूएसएल और न ही ईवाई ने मुझे आरोपों का ब्यौरा दिया न ही प्रतिक्रिया का अवसर।’ बयान के अनुसार,‘ मैं केवल यही दोहरा सकता हूं कि सभी लेनदेन कानूनी, साफ व यूएसएलए ऑडिटर्स, यूएसएल बोर्ड तथा शेयरधारकों से मंजूरशुदा है। इसके अलावा डियाजियो ने शेयर खरीदने से पहले डियाजियो की संपत्तियों व देनदारियों के बारे में व्यापक जांच की थी। अब इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।’

उल्लेखनीय है कि पहले माल्या के नियंत्र में रही कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड (यूएसएल) ने शनिवार (9 जुलाई) को एक नया खुलासा करते हुए कहा कि कंपनी से 1,225.3 करोड़ रुपए अनुचित लेनदेन माल्या से जुड़ी किंगफिशर एयरलाइंस और उनकी फार्मूला वन टीम सहित विभिन्न कंपनियों के साथ किया गया। अब यह कंपनी डियाजियो के नियंत्रण में है। यूएसएल ने स्पष्ट किया है कि माल्या के साथ कुछ महीने पहले किए गए समझौते में यह नई बात शामिल नहीं है। राशि के दुरुपयोग का यह मामला कंपनी द्वारा की गई ‘अतिरिक्त जांच’ के बाद सामने आया है।

यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड यानी यूएसएल पर अब वैश्विक शराब कंपनी डियाजिओ का नियंत्रण है। यूएसएल ने कहा है कि इस राशि के देनदारी के लिए कंपनी के पूर्व चेयरमैन पर दावा बनता है। माल्या पिछले कुछ महीनों से ब्रिटेन में हैं। भारत में गिरफ्तारी से बचने के लिए वह ब्रिटेन भाग गए। इस साल की शुरुआत में उन्होंने यूएसएल के साथ एक समझौता किया था जिसके तहत उन्हें कंपनी का निदेशक और चेयरमैन पद छोड़ने के लिए कुल 500 करोड़ रुपए देने का वादा किया गया है। कई बैंकों ने माल्या को जानबूझकर बैंक का कर्ज नहीं चुकाने वाला डिफॉल्टर घोषित किया है। माल्या पर बैंकों का करोड़ों रुपए का कर्ज बकाया है।