भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को लेकर खुशी जताते हुए अमेरिका ने रविवार को कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 109 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है और भारत में जीएसटी लागू हो जाने के बाद इसमें और गति आएगी तथा सुधार होगा। अमेरिका ने भारतीय संसद द्वारा जीएसटी बिल पास किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए अमेरिका ने कहा है कि इससे भारत में हमारी कंपनियों को कारोबर करने में आसानी होगी। हालांकि, अमेरिका ने भारत में व्यावसायिक वातावरण को लेकर चिंता भी जाहिर की है।

सोमवार से भारत के तीन दिनों के दौरे पर आ रहीं अमेरिका की वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच 2017 में वित्तीय कारोबार और जोर पकड़ेगा। उन्होंने कहा कि साल 2017 में व्यावसायिक सहयोग के लिए हमने दो क्षेत्रों ट्रैवेल एंड टूरिज्म और सब-नेशनल इंगेजमेंट को चिन्हित किया है और अब हमारा प्रयास चेन्नई और चार्ल्सटन के बीच करार करने का है। प्रित्जकर ने कहा कि बीते सालों में ओबामा प्रशासन ने भारत की मजबूत स्थिति को महसूस किया है और दोनों देशों के बीच वित्तीय संबंध बढ़ाया है।

Read Also:आॅनलाइन फंड ट्रांसफर की RTGS और NEFT सेवा के बीच जानिए क्या है अंतर

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा, दोनों देशों की बीच व्यापार और निवेश में करीब तीन गुणा का इजाफा हुआ है। अमेरिकी मंत्री ने कहा, ‘दोनों देश व्यापार और निवेश में बढ़ोतरी का लाभ ले रहे हैं। 2005 के 37 अरब डॉलर के स्तर से बढ़ते हुए भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2015 में 109 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।’ प्रित्जकर ने कहा कि भारतीय और अमेरिकी कंपनियों एक दूसरे के यहां रेकॉर्ड निवेश कर रही हैं।

Read Also:विपक्ष पर बरसीं बसपा सुप्रीमो मायावती- रिजेक्‍टेड माल को खरीद रही है भाजपा

2015 की बात करें तो भारत में अमेरिकी निवेश 28 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है, जबकि अमेरिका में भारत का निवेश 11 अरब डॉलर है इस दौरान अमेरिका स्थित भारतीय कंपनियों ने 52,000 अमेरिकी नागरिकों को रोजगार भी दिया है। प्रित्जकर ने भरोसा जताया कि भारत की तेजी से बढ़ती इकॉनमी और मोदी सरकार की ओर से जीएसटी, बैंकरप्सी बिल और एफडीआई नियमों मे ढील जैसे सुधारवादी कदमों से दोनों देशों के आर्थिक संबंध और गहरे होंगे।