अमेरिका के दवा उद्योग ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) से मांग की है कि वह भारत को अपनी प्राथमिक निगरानी सूची (पीडब्ल्यूएल) में बनाए रखे। इस सूची में अमेरिकी पेटेंट कानूनों का कथित तौर पर उल्लंघन करने वाले देशों को रखा जाता है। अमेरिका के दवा उद्योग का दावा है कि भारत में जमीनी हालात ‘चुनौतीपूर्ण’ बने हुए हैं।
फार्मास्युटिक्ल रिसर्च एंड मैन्युफेक्चरर्स आफ अमेरिका (पीएचआरएमए) ने इस बारे में यूएसटीआर को ज्ञापन दिया है और 2017 स्पेशल 301 रिपोर्ट में भारत को पीडब्ल्यूएल में बनाए रखने की मांग की है। अमेरिकी दवा उद्योग ने भारत में अपने लिए सबसे चिंताजनक मुद्दों में अस्थायी आईपी वातावरण, दवाओं पर ऊंचे शुल्क व कर, डेटा संरक्षण में नियामकीय विफलता तथा भेदभावपूर्ण बाजार पहुंच नीति को रखा है।
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