Trump Trade News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दुनिया भर के 60 देशों पर लगाए गए टैरिफ के बाद एशिया के शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा गया। बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 2600 जबकि निफ्टी में 800 अंकों की गिरावट देखी गई।
टोक्यो का Nikkei 225 बाजार खुलने के तुरंत बाद लगभग 8% तक गिर गया और ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 6% से अधिक गिर गया। दक्षिण कोरिया का Kospi भी 4.4% गिर गया। इसके साथ ही S&P 500 futures 4.2%, Dow 3.5% और Nasdaq में 5.3% की गिरावट आई है। दूसरी ओर, तेल की कीमतों में भी गिरावट आई। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत 4% गिरकर $59.49 पर आ गई जो 2021 के बाद सबसे कम है। ब्रेंट क्रूड भी $63.33 पर आ गया।
मंदी आने वाली है! कोरोना के बाद अमेरिकी बाजार में सबसे बड़ी गिरावट
अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट के बीच डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि कोई भी चीज नीचे जाए। लेकिन, कभी-कभी, आपको चीजों को ठीक करने के लिए दवाइयां लेनी पड़ती हैं।”
ट्रंप के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग
उधर, ट्रंप के खिलाफ अमेरिका के कई शहरों में लाखों लोग सड़क पर उतर आए हैं और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया है। इस बीच, 50 से ज्यादा देशों ने ट्रंप के टैरिफ से मुकाबला करने के लिए उनसे बातचीत करने की कोशिश की है लेकिन इसके बाद भी ट्रंप ने कहा है कि वह इंटरनेशनल मार्केट से होने वाले आयात पर टैरिफ में कमी नहीं करेंगे।
आर्थिक मंदी का खतरा
ट्रंप की ओर से टैरिफ में बढ़ोतरी किए जाने के बाद चीन ने भी इसके विरोध में तीखी प्रतिक्रिया दी थी और इसके बाद से ही ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ने लगी थी। इसके बाद से ही दुनिया भर में आर्थिक मंदी का खतरा भी बढ़ने लगा है। अमेरिकी बाजार में ऐसी कंपनियां जो बीजिंग में कारोबार करती हैं, उनकी कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई है।
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शेयर बाजार में उथल-पुथल का दौर तब से देखने को मिला जब चीन ने ट्रंप के टैरिफ के जवाब में उस पर भी भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया और इसके बाद से ही ट्रेड वॉर का माहौल बनने लगा। बताना होगा कि बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि वह चीन से आयात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 34% टैरिफ का जवाब 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी उत्पादों के आयात पर अपने 34% टैरिफ के साथ देगा और कुछ दूसरे कदम भी उठाएगा। बताना होगा कि अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनमी हैं।
यह लगभग तय है कि ऐसे ही हालात रहे तो इसका बड़ा असर दुनिया भर के बाजारों पर हो सकता है और यह मंदी की ओर ले जा सकता है।