राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के बाद बनाई गई केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को ‘प्रधानमंत्री’ टैग मिल सकता है। गुरुवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि इस योजना को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का नाम दिया जा सकता है। यह योजना वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट में की गई अहम घोषणाओं में से एक थी। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन के दौरान भी इसका जिक्र किया था। वित्तीय वर्ष 2016-17 से शुरू होने वाली इस योजना से शुरुआती दौर में 10 करोड़ परिवारों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वालों को शुरुआती दौर में इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के मुताबिक वंचित परिवारों की लिस्ट में शामिल लोगों को भी इसका लाभ शुरुआती दौर में ही पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।
इस योजना का कार्यकारी नाम राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना रखा गया है, लेकिन ऐसा पहली बार है जब आधिकारिक दौर पर यह घोषणा की गई है कि योजना को ‘प्रधानमंत्री’ टैग भी मिलेगा। इस योजना पर पांच साल के दौरान करीब 24,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा आयोजित 10वीं स्वास्थ्य बीमा समिट का उद्घाटन करते हुए कुलस्ते ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत काम करने वाली बीपीएल परिवार के लिए योजना को 75 फीसदी से ज्यादा कवरेज के साथ नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में बढ़ाया गया है। नई योजना के लिए सरकार से और ज्यादा वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा निजी स्वास्थ्य और बीमा इंडस्ट्री को मरीजों के इलाज के लिए साझेदार बनाना पड़ेगा ताकि संसाधनों का पूरा इस्तेमाल किया जा सके।