Union Budget 2024: मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। इसके लेकर बैठकों का दौर जारी है। इस बजट में आम लोगों को कुछ राहत दी जा सकती है। लोगों बजट में नई ट्रेन शुरू करने स्टेशनों पर मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा करने की भी मांग कर रहे हैं। क्या आपको पता है कि पहले रेल बजट को आम बजट से अलग पेश किया जाता है। पहले संसद में दो बजट पेश किए जाते थे एक ‘रेल बजट’ और दूसरा ‘आम बजट’ होता था। 2016 में सरकार ने इस परंपरा को खत्म कर दिया। आखिर रेल बजट को अलग पेश क्यों किया जाता और इसे खत्म करने की वजह क्या है, इसे विस्तार से समझते हैं।
पहली बार कब पेश हुआ था रेल बजट?
भारत में पहली बार रेल बजट आजादी से पहले ब्रिटिश शासन के समय 1924 में प्रस्तुत किया गया था। तब आम बजट और रेल बजट अलग पेश किए गए थे। दरअसल 1920-21 में एक्वर्थ कमेटी ने रेल बजट को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि रेलवे सेक्टर बहुत बड़ा है और इसमें विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। इसलिए बजट में इसके लिए अलग प्रावधानों की जरूरत होगी। 1921 में ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटी के चेयरमैन सर विलियम एक्वर्थ रेलवे को एक बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम में लाए थे। 1924 से हर साल रेल बजट अलग से पेश किया जाता था।
क्यों अलग पेश किया जाता था रेल बजट?
रेल बजट को आम बजट से अलग पेश करने के पीछे सबसे बड़ी वजह अंग्रेजी शासन के समय रेलवे में लगा पैसा था। दरअसल ब्रिटिश सरकार रेलवे में लगे अपने निवेश को असुरक्षित नहीं करना चाहती थी। इसी कारण इसे आम बजट से अलग पेश किया जाता था। रेल बजट में पूरे सेक्टर के लिए रेलवे लाइन बिछाने से लेकर नई ट्रेन शुरू करने और स्टेशन विकसित करने के लिए प्रावधान किया जाता था।
आम बजट में मर्ज करने के पीछे थी ये वजह
रेलवे को आम बजट में शामिल करने के पीछे रेलवे की स्थिति को वजह बताया गया। रेल बजट आखिरी बार 2016 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पेश किया और इसे आम बजट के साथ विलय करने के नीति आयोग के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। इसे पीछे वजह बताई गई कि इससे अनावश्यक असुविधा होती है। पूरे बजट को जब एकसाथ बनाया गया तो इससे रेलवे को पैसे आवंटित करने में आसानी हुई। रेलवे को आम बजट से मिलाने के पीछे एक मंशा ट्रांसपोर्ट के अन्य माध्यमों के साथ बेहतर तालमेल बैठाने की भी थी।
किसने पेश किया पहला कॉमन बजट?
2017 में पहली बार कॉमन बजट तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पेश किया। इससे पहले रेल बजट रेल मंत्री और आम वजह वित्तमंत्री पेश करते थे 2017 से कॉमन बजट की परंपरा चली आ रही है। रेल बजट को आम बजट में मर्ज करने फैसला नीति आयोग (Niti Aayog) की सिफारिश के बाद किया गया था।