वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में मिडिल क्लास को राहत देते हुए इनकम टैक्स को घटा दिया है। इसके तहत 2.5 से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर अब पांच प्रतिशत टैक्स लगेगा। वर्तमान में यह दर 10 प्रतिशत है। वित्त मंत्री ने आगे बताया कि तीन लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। तीन लाख से साढ़े तीन लाख तक की आय वाले के लिए कर देयता 2500 रुपये होगी। यदि धारा 80 सी के तहत डेढ़ लाख की सीमा निवेश के लिए प्रयोग की जाती है तो साढ़े चार लाख रुपये की आय वाले लोगों के लिए कर शून्य होगा। वहीं 50 लाख से एक करोड़ की सालाना आय पर 10 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा। वहीं एक करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 15 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा। जेटली ने घरों में कैपिटल गेन्स की सीमा को 3 से घटाकर दो साल कर दिया है। छोटी कंपनियों के लिए टैक्स 30 से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। आंध्र प्रदेेश में जमीन पर कैपिटल टैक्स नहीं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ 20 लाख व्यापारी ही पांच लाख रुपये की आमदनी दिखाते हैं। 52 लाख लोगों ने पांच से 10 लाख रुपये की आमदनी दिखाई। देश में 56 लाख नौकरीपेशा लोग पांच लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी दिखाते हैं। सा ल 2015-16 में 3.7 करोड़ लोगों ने टैक्स रिटर्न भरी और इनमें से केवल 24 लाख लोगों ने अपनी कमार्इ 10 लाख रुपये से ज्यादा बताई। काफी सारे लोग टैक्स देने से बचते हैं जिससे ईमानदार व्यक्ति पर बोझ पड़ता है। नोटबंदी के चलते इनकम टैक्स पर एडवांस टैक्स 34.8 प्रतिशत बढ़ गया है।