ब्रेग्जिट के बाद संकटग्रस्त बाजारों को शांत करने का प्रयास करते हुए ब्रिटेन के वित्त मंत्री जॉर्ज ऑस्बार्न ने सोमवार (27 जून) को कहा कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था नई चुनौतियों से निपटने के लिए काफी मजबूत है, लेकिन उसे नई स्थिति के हिसाब से समायोजन करना होगा। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने के लिए अभियान चलाने वाले ऑस्बार्न ने सोमवार (27 जून) को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए देश का विश्वास फिर बहाल करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने जनमत संग्रह से पहले कहा था कि इसका अर्थव्यवस्था तथा सार्वजनिक वित्त पर असर होगा। इससे निपटने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत होगी।’
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए नए प्रधानमंत्री का इंतजार करना काफी समझदारी की बात है। यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए ब्रिटेन को सिर्फ धारा 50 (लिसबन में हुई संधि की धारा 50) का इस्तेमाल करना है। मेरा विचार है कि ब्रिटेन को यह तब करना चाहिए कि हमें इस बात का स्पष्ट संकेत मिल जाए कि हम यूरोपीय संघ के पड़ोसियों से क्या नई व्यवस्था चाहते हैं। उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि आपात बजट की अभी संभावना नहीं है। ब्रिटेन की कंपनियों ने पहले ही आगाह किया है कि ब्रेक्जिट से निवेश में कटौती होंगी और नई भर्तियां रुक जाएंगी।
ओसबर्न ने कहा कि ईयू छोड़ने के प्रावधान वाली धारा का इस्तेमाल केवल ब्रिटेन ही (सदस्य के नाते) धारा 50 का इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस बीच यूरोपीय संघ के साथ वार्ताएं होगी और इस दौरान लोगों की आवा-जाही और रोजी रोजगार के अधिकारों तथा वस्तुओं एवं सेवाओं के व्यापार के तौर तरीकों और अर्थवयवस्था तथा वित्तीय प्रणाली के विनियमन के तौर तरीकों में कोई बदलाव नहीं होगा।