सौम्यारेंद्र बारिक
ट्विटर (Twitter) ने दुनियाभर में अपने सैकड़ों कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक मेल भेजकर इसकी सूचना दी और अब प्रभावित कर्मचारियों को ट्विटर की संपत्ति का एक्सेस नहीं होगा। ट्विटर इंडिया के भी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है।
सूत्रों के अनुसार ट्विटर इंडिया की मार्केटिंग, कम्युनिकेशन और इंजीनियरिंग टीमों के लगभग सभी लोग नौकरी से निकाल दिए गए है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पब्लिक पॉलिसी टीम भी ट्विटर के इस कदम से आंशिक रूप प्रभावित हुई है। हालांकि अभी तक बड़े पैमाने पर छंटनी से प्रभावित ट्विटर इंडिया के कर्मचारियों की सही संख्या का पता नहीं लग सका है।
बता दें कि ट्विटर के देश में 250-300 कर्मचारी हैं। शुक्रवार को सुबह लगभग 4 बजे कंपनी ने दुनिया भर के प्रभावित कर्मचारियों को उनके व्यक्तिगत मेलबॉक्स में एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें सूचित किया गया कि वे स्लैक और ईमेल सहित ट्विटर के आंतरिक सिस्टम का उपयोग अब नहीं कर पाएंगे।
जिन लोगों के पास अभी भी नौकरी है, उन्होंने बातचीत के दौरान कंपनी में उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता का संकेत दिया। एक कर्मचारी ने कहा कि “छंटनी का कोई मापदंड नहीं है और पूरी प्रक्रिया रूसी रूले के खेल की तरह लगती है।” बता दें कि ट्विटर पर ब्लू टिक के लिए अब यूजर्स को 8 डॉलर (करीब 660 रुपये) हर महीने चुकाने होंगे।
एक अन्य ने कर्मचारी ने कहा, “यह छंटनी वास्तव में भारी है। मैं अभी यहाँ हूँ, कब तक हूं, पता नहीं।” एक तीसरे कर्मचारी ने कहा कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने नए नेतृत्व द्वारा वैश्विक सामूहिक छंटनी शुरू होने से ठीक पहले स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था।
ट्विटर ने भारत में छंटनी और देश में इसके भविष्य के बारे में इंडियन एक्सप्रेस द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। अमेरिका में शुक्रवार की सामूहिक छंटनी को चुनौती देते हुए एक मुकदमा पहले ही दायर किया जा चुका है। कैलिफ़ोर्निया में ट्विटर के कर्मचारियों ने कंपनी पर वर्कर एडजस्टमेंट एंड रिट्रेनिंग नोटिफिकेशन एक्ट का उल्लंघन करने के लिए मुकदमा दायर किया है, जिसके लिए कंपनियों को बड़े पैमाने पर छंटनी की 60-दिन की नोटिस देनी होती है।