सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को तमिलनाडु सरकार ने लागू कर दिया है। यह फैसला तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानीसामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद तमिलनाडु सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में 20 फीसदी तक का इजाफा होगा। इससे राज्य के करीब 10 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक यह फैसला राज्य के फाइनैंस सेक्रेटरी के शानमुगन की अध्यक्षता वाली हाई-लेवल कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद लिया गया।

तमिलनाडु सरकार के कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन में 6,100 से लेकर 15,700 रुपए तक की बढ़ोतरी की गई है। इससे सरकारी खजाने से लगभग 15 हजार करोड़ रूपये का वार्षिक खर्च होने का अनुमान है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने भी 7.58 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सैलरी देने को मंजूरी दे दी है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने यूजीसी/एमएचआरडी द्वारा फंड किए जाने वाले 106 यूनिवर्सिटी/कॉलेज, राज्य सरकार द्वारा फंड की जाने वाली 329  यूनिवर्सिटी और स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटीज से एफिलेटिड 12,912 सरकारी और निजी सहायता प्राप्त कॉलेजों के 7.58 लाख टीचर्स और स्टाफ को सातवें वेतन आयोग का फायद पहुंचा दिया है।

इसमें केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त 119 टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स जैसे आईआईटी, आईआईएस, आईआईएम, आईआईआईटी, एनआईटीआईई आदि आते हैं। इन सभी के पूरे स्टाफ के लिए केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू करने का फैसला किया है। हालांकि इससे केंद्र सरकार पर 9,800 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

गौरतलब है कि कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम वेतन को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 26,000 रुपए महीने किया जाए और फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना बढ़ाने के बजाए 3.68 गुना बढ़ाया जाए। हालांकि सरकार अभी न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 21,000 रुपए महीने करने पर विचार कर रही है।