दिल्ली एनसीआर की रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड 25 मार्च को दिवालिया हो गई। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में इसकी कई बड़ी पिरयोजनाएं चल रही हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की दिल्ली बेंच ने 31- जनवरी – 2021 तक बकाया भुगतान न करने पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। यह आदेश उन 25,000 से अ,धिक होमबॉयर्स को प्रभावित कर सकता है जो कई वर्षों से डेवलपर के पास बुक अपने घरों के कब्जे का इंतजार कर रहे थे।
एनसीएलटी ने हितेश गोयल को इंसॉल्वेंसी एंड बंकृप्सी कोड (IBC) के तहत सुपरटेक के लिए इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स (IRP) नियुक्त किया। ट्रिब्यूनल ने 17 मार्च, 2022 को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जब सुपरटेक द्वारा प्रस्तावित एकमुश्त समझौता बैंक द्वारा खारिज कर दिया गया था और तर्क सुने गए थे।
आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए, सुपरटेक ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ अपील में एनसीएलएटी से संपर्क करेगा। एक बयान में उसने कहा कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा सुपरटेक ग्रुप कंपनियों में से एक में आईआरपी की नियुक्ति के मामले में प्रबंधन ने कहा कि कंपनी आदेश के खिलाफ अपील में एनसीएलएटी से संपर्क करेगी क्योंकि मामला वित्तीय लेनदार से संबंधित है।
बयान में यह भी कहा गया कि घर खरीदारों के हित में परियोजनाओं के निर्माण और वितरण को बैंक बकाया के पुनर्भुगतान पर प्राथमिकता दी गई, जिसे परियोजना के पूरा होने के बाद पूरा किया जा सकता है। चूंकि कंपनी की सभी परियोजनाएं वित्तीय रूप से ठीक हैं, इसलिए किसी भी पार्टी या वित्तीय लेनदार को नुकसान की कोई संभावना नहीं है। इस आदेश का किसी अन्य सुपरटेक समूह की कंपनी के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कंपनी ने कहा कि एनसीएलटी के आदेश से कंपनी की सभी चालू परियोजनाओं या संचालन में निर्माण प्रभावित नहीं होगा और हम लोगों को घर की डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे पास पिछले 7 वर्षों के दौरान 40,000 से अधिक फ्लैट वितरित करने का रिकॉर्ड है और हमने मिशन कंपलिशन के तहत दिसंबर 2022 तक खरीददारों को 7000 यूनिट देने का लक्ष्य रखा है। इसे हम पूरा कर लेंगे।