पर्यावरण मंत्रालय की एक समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी को आयातित कोयला पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जलमार्गों के जरिये फरक्का तापीय बिजली संयंत्र पहुंचाने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति छह और महीने जनवरी 2017 तक के लिये दी गयी है। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2014 में एनटीपीसी को सालाना 15 करोड़ टन तक आयातित कोयले के परिवहन को लेकर एक साल के लिये अनुमति दी गयी थी। इसे बाद में इस शर्त के साथ जून 2016 तक के लिये बढ़ाया गया कि कंपनी मंत्रालय को विस्तृत अध्ययन उपलब्ध कराएगी।

हालांकि एनटीपीसी ने समयावधि बढ़ाये जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि अध्ययन अभी जारी है और इसे पूरा होने में छह महीने का और समय लगेगा। एनटीपीसी के प्रस्ताव पर विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति :ईएसी: की ताजा बैठक में चर्चा की गयी।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘ईएसी ने अधिकतम 15 करोड़ टन सालाना कोयला राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के जरिये और छह महीने यानी 31 जनवरी 2017 तक परिवहन की अनुमति देने की सिफारिश की है। यह इस शर्त पर निर्भर है कि सीआईएफआरआई द्वारा जारी अध्ययन तथा जो अतिरिक्त सूचना मांगी गयी है, वह शीघ्रता से जमा किया जाए। फरक्का संयंत्र को मार्च 2011 में चालू किया गया। इसके जरिये पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओड़िशा, सिक्किम, असम तथा त्रिपुरा को बिजली की आपूर्ति की जाती है।