दिल्ली हाई कोर्ट ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को गुरुवार को निर्देश दिया कि स्पाइस जेट विमान सेवा को दो आइरिश कंपनियों से पट्टे पर मिले छह विमानों का पंजीकरण रद्द किया जाए।

न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने डीजीसीए को निर्देश देते हुए यह भी कहा कि उड्डयन नियामक आइरिश कंपनियों की विमानों को निर्यात करने की याचिका पर भी दो हफ्ते में फैसला लेगा। इन विमानों में अधिकतर बोइंग 737 हैं। फिलहाल स्पाइस जेट 32 विमानों का संचालन करता है।

अदालत ने एडब्लूएएस आयरलैंड लिमिटेड और विल्मिंग्टन ट्रस्ट एसपी सर्विसेज (डबलिन) लिमिटेड की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। इन कंपनियों ने अदालत से कहा था कि वह डीजीसीए को इन विमानों का पंजीकरण रद्द करने के निर्देश दे। ये विमान स्पाइस जेट को पट्टे पर दिए गए थे और विमान सेवा ने इसके लिए कथित तौर पर देय राशि का भुगतान नहीं किया।

अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्पाइस जेट ने कहा कि वह आदेश को देखने के बाद ही अगला कदम उठाएगा। विमान सेवा ने यह भी कहा कि वह पट्टादाताओं के साथ इस मामले पर आपसी समझौते के लिए बातचीत कर रही है।

स्पाइस जेट के प्रवक्ता ने कहा-हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ती है तो हम मामले को उच्च न्यायिक मंच पर ले जाएंगे। इस विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है।

अदालत के एक अन्य पीठ ने एक अन्य आइरिश कंपनी बीएंडबी एअर एक्विजीशन की याचिका पर फैसला डीजीसीए के विमानों का पंजीकरण रद्द किए जाने तक सुरक्षित रख लिया है। इस कंपनी ने स्पाइस जेट को पट्टे पर दिए पांच विमानों को उड्डयन से हटाने के लिए याचिका दायर की है।