रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के जाने की घोषणा के बाद सोमवार (20 जून) को पहली बार खुले स्थानीय बाजारों में शुरुआत में रुपया और शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई पर सरकार द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में व्यापक ढील देने से गवर्नर राजन के जाने का संभावित असर काफी हद तक जाता रहा। संस्थागत निवेशकों की ताबड़तोड़ लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 241 अंक उछाल के साथ बंद हुआ। रुपए ने भी डॉलर के मुकाबले अपनी शुरुआती गिरावट को काफी हद तक कम कर लिया लेकिन स्थानीय मुद्रा बिकवाली के दबाव से पूरी तरह उबर नहीं पायी। डॉलर के मुकाबले रुपए 23 पैसे गिरकर 67.31 पर बंद हुआ। सुबह शुरुआती कारोबार में विनिमय दर 61 पैसे गिरकर 67.69 रुपए प्रति डॉलर तक नीचे चली गयी थी। विश्लेषकों के मुताबिक ब्रिटेन में यूरोपीय संघ के साथ रिश्ते पर जनमत संग्रह के ठीक पूर्व आए सर्वेक्षण में 28 देशों के क्षेत्रीय समूह से ब्रिटेन के निकलने की आशंका कम होने से भी स्थानीय बाजार में निवेशकों का मनोबल मजबूत हुआ।
इस बीच बांड बाजार में सोमवार (20 जून) रिजर्व बैंक ने 10,000 करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीदारी की। सोमवार (20 जून) की खुले बाजार की नीलामी में प्रतिभागियों ने 45,922 करोड़ रुपए की प्रतिभूतियों की बिक्री पेशकश की थी। इससे पहले आशंका थी कि राजन के जाने की खबर से बाजार के मनोबल पर असर पड़ेगा तथा शेयर एवं विदेशी मुद्रा बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। राजन ने शनिवार (18 जून) को एक अप्रत्याशित घोषणा में रिजर्व बैंक के कर्मियों को सूचित किया था कि वह गवर्नर पद का दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे और अध्यापन की अपनी पुरानी दुनिया में वापस लौटेंगे। उनका तीन साल का कार्यकाल चार सितंबर को पूरा होगा।
तीस शेयरों पर आधारित बंबई शेयर बाजार का सेसेंक्स सोमवार (20 जून) शुरुआती कारोबार में 178 अंक टूटकर 26,447.88 अंक पर खुला। हालांकि, उसके बाद लिवाली बढ़ने से सूचकांक मजबूत हुआ और अंत में यह 241.01 अंक या 0.91 प्रतिशत मजबूत होकर 26,866.92 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 68.30 अंक या 0.84 प्रतिशत की बढ़त के साथ 8,238.50 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, राजन के जाने की खबर के बाजार पर संभावित असर के चलते सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार राजन के उत्तराधिकारी की घोषणा जुलाई अंत तक कर सकती है। हालांकि, इस संबंध में एक अच्छी खबर फिच की ओर आई जिसने कहा कि राजन के जाने से भारत की साख रेटिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ‘व्यक्ति से ज्यादा नीतियां महत्वपूर्ण हैं।’
इसके अलावा सरकार ने आज नागर विमानन, एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, रक्षा और दवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी नवेश के नियमों में व्यापक ढील दी और इनमें स्वचालित मार्ग से अधिक निवेश को मंजूरी प्रदान की जिसके बारे में कुछ लोगों ने कहा कि यह राजन के जाने के प्रभाव को कम करने की कोशिश हो सकती है। इसके अलावा ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर जाने की खबरों के संबंध में भी सकारात्मक सूचनाएं रहने से बाजार का मनोबल बना रहा।