भारतीय पूंजी बाजारों में विदेशी कोषों का प्रवाह बढ़ाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार (3 अक्टूबर) को सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआई निवेश सीमा को बढ़ाकर 1.48 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। अगले साल जनवरी से इसे और बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रुपए कर दिया जाएगा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए वर्तमान में यह सीमा 1.44 लाख करोड़ रुपए है। सेबी ने दीर्घकालिक एफपीआई द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सीमा को दो किस्तों में बढ़ाने का फैसला किया है।
पहले तीन अक्तूबर और फिर जनवरी 2017 में यह सीमा बढ़ाई जाएगी। दीर्घकालिक निवेश वाले एफपीआई में सरकारी संपत्ति कोष, बीमा कोष, पेंशन कोष और विदेशी केन्द्रीय बैंक शामिल हैं। दीर्घकालिक एफपीआई के मामले में सोमवार (3 अक्टूबर) से सीमा को बढ़ाकर 62,000 करोड़ कर दिया गया है। दो जनवरी 2017 से यह और बढ़कर 68,000 करोड़ रुपए हो जाएगा। इसके अलावा सभी एफपीआई के लिए राज्य विकास ऋण (एसडीएल) में निवेश सीमा को बढ़ाकर 17,500 करोड़ रुपए और दो जनवरी 2017 से 21,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

