सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से पूछा है कि उसने किन स्रोतों से 25,000 करोड़ रुपए जुटाकर निवेशकों को नकद में भुगतान किया है। न्यायालय ने समूह से कहा कि वह यह राशि जुटाने के स्रोतों का खुलासा कर पाक साफ होकर सामने आए। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बात हजम करना मुश्किल है क्योंकि इतनी बड़ी राशि ऊपर से नहीं गिरी होगी। मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘आप बताएं कि इस पैसे का स्रोत क्या है? क्या आपको अन्य कंपनियों और अन्य योजनाओं से 24,000 करोड़ रुपए मिले ? बैंक खातों से यह राशि निकाली? या फिर संपत्ति बेचकर यह राशि जुटाई? यह इन तीनों में से किसी एक माध्यम से होगी। पैसा ऊपर से नहीं गिरता। आपको बताना होगा कि यह धन आपको कहां से मिला।’ पीठ ने कहा कि उन्हें सहारा के करोड़ों रुपए लौटाने की क्षमता पर शक नहीं है लेकिन फिर भी वह जानना चाहती है कि दो महीने में पैसा कहां से आया।

सहारा के प्रमुख सुब्रत राय के वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि समूह ने धन जुटाकर निवेशकों को नकद में लौटा दिया है और भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) करोड़ों निवेशकों को ढूंढने से पीछे हट रहा है। इस पर पीठ ने कहा, ‘आप हमें दस्तावेज दिखाएं। अन्य योजनाओं में कैसे धन पड़ा है।’

वहीं, सिब्बल ने कहा कि समूह किसी तरह की भी जांच को तैयार है। यदि यह माना जाए कि यह कालाधन था तो भी समूह की जांच की जा सकती है। लेकिन यदि यह कालाधन है तो सेबी जांच करने वाला कौन है। यह आयकर विभाग का मामला है। हालांकि, इस पर पीठ ने कहा कि यह उद्योग घराने को बताना है कि धन का स्रोत क्या है।

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