वैश्विक स्तर का बैंक बनाने के इरादे से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) निदेशक मंडल ने पांच एसोसिएट बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक (बीएमबीएल) के एसबीआई में विलय को गुरुवार (18 अगस्त) को मंजूरी दे दी। इसमें मौजूदा कर्मचारियों के हितों को ध्यान रखा गया है। एसबीआई ने बंबई शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा, ‘एसबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल ने स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी) तथा भारतीय महिला बैंक लि. (बीएमबीएल) के भारतीय स्टेट बैंक में विलय को मंजूरी दे दी है।’

बाद में, निदेशक मंडल स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) के एसबीआई में विलय के लिए अलग योजनाओं को मंजूरी दी। विलय प्रस्ताव के तहत एसबीबीजे के शेयरधारकों को दस-दस रुपए अंकित मूल्य के प्रत्येक 10 शेयर के बदले एसबीआई के एक एक रुपए अंकित मूल्य के 28 शेयर मिलेंगे। इसी प्रकार, एसबीएम तथा एसबीटी के शेयरधारकों को प्रत्येक 10 शेयर के बदले एसबीआई के 22 शेयर मिलेंगे।

चूंकि एसबीएच और एसबीपी, एसबीआई की पूर्ण अनुषंगी है, अत: इस मामले में शेयरों की अदला-बदली या नकद लेन-देन नहीं होगा। भारतीय महिला बैंक के मामले में उसके दस रुपए अंकित मूल्य के 100 करोड़ शेयरों के लिए सरकार को एसबीआई के 10-10 रुपए मूल्य के 4,42,31,510 शेयर दिए जाएंगे। भारतीय महिला बैंक के शेयर सरकार के पास हैं।

विलय प्रस्ताव के तहत जिन बैंकों का विलय हो रहा है, उनके कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के मामले में कोई नुकसान नहीं होगा। साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लाभ का संरक्षण किया जाएगा।