लंबे समय से घाटे में चल रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को संजीवनी मिली है। यस बैंक को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मुनाफा हुआ है।
दिलचस्प है कि करीब 10 महीने पहले ये बैंक घाटे में था। बैंक का कर्ज इतना बढ़ गया था कि रिजर्व बैंक को प्रतिबंध लगाना पड़ा। इसके अलावा बैंक के बोर्ड को भी भंग कर दिया गया था। आपको बता दें कि दिसंबर तिमाही में यस बैंक ने 150.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है।
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में डूबा कर्ज बढ़ने की वजह से बैंक को 18,654 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड घाटा हुआ था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 6,518.37 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,268.50 करोड़ रुपये थी।
तिमाही के दौरान बैंक की नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घटकर कुल कर्ज का 15.36 प्रतिशत रह गईं, जो एक साल पहले समान तिमाही में 18.87 प्रतिशत थीं। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी घटकर 4.04 प्रतिशत रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5.97 प्रतिशत था।
इसके चलते बैंक का कर और आकस्मिक खर्च को छोड़कर अन्य प्रावधान घटकर 2,198.84 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 24,765.73 करोड़ रुपये था।
इस बीच, बैंक के निदेशक मंडल ने इक्विटी या कर्ज के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।