भारतीय रिजर्व बैंक ने मनी लांड्रिंग रोधी नियमों के अनुपालन में खामियों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर क्रमश: 5 और 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक पर भी 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) में पिछले साल सामने आए 6,100 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में 5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बॉब ने बंबई शेयर बाजार को दी एक सूचना में सोमवार (25 जुलाई) को कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ बड़ौदा पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई बैंक ऑफ बड़ौदा की आंतरिक ऑडिट में पाई गई कुछ अनियमितताओं के बारे में बैंक की ओर से अक्तूबर, 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक और जांच एजेंसियों को दी गयी सलाह के बाद की गई है।’
उल्लेखनीय है कि बॉब की अशोक विहार, नई दिल्ली की शाखा में अक्तूबर, 2015 में 6,100 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार, ‘आरबीआई ने उसकी जांच की और कुछ ऐसी खामियों का उल्लेख किया जिनमें एएमएल (मनी लांड्रिंग रोधी) के उन प्रावधानों के संबंध में बैंक की आतंरिक नियंत्रण व्यवस्था की दुर्बलता और विफलता का पता चलता है। इन प्रावधानों में लेन देन के सौदों की निगरानी, वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) को समय से सूचना देना और यूसीआईसी (विशिष्ट ग्राक कोड) प्रदान करने संबंधी प्रावधान हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि उसने व्यापक सुधारात्मक कार्य योजना लागू की है ताकि आंतरिक नियंत्रण बढ़ाया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी घटनाएं फिर न हों।
पंजाब नेशनल बैंक ने भी बीएसई को सूचित किया है कि रिजर्व बैंक ने उस पर 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बैंक ने कहा कि इस तरह के किसी घटनाक्रम को रोकने के लिए उसने आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए हैं। देश के निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े एचडीएफसी बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है कि अक्तूबर, 2015 में मीडिया में आई विभिन्न बैंकों में अग्रिम आयात रेमिटेंस में अनियमितता की खबरों के सिलसिले में केंद्रीय बैंक ने उसके द्वारा किए गए लेनदेन की जांच की है। रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिस पर उसने विस्तृत जवाब दिया है। एचडीएफसी बैंक ने आगे कहा कि उसने अपने आंतरिक नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने के लिए वृहद सुधारात्मक कार्रवाई योजना क्रियान्वित की है जिससे भविष्य में इस तरह का घटना नहीं होने पाए।