देश में बहुत सारी कंपनियां हैं जो करोड़ों का व्यापार करती रही हैं। ऐसी ही एक कंपनी हैं ”कैंडी पल्स” जिसकी कमाई सुनकर कई बड़ी कंपनियों के मालिकों की नींद उड़ सकती है। साल 2015 में बनी इस कंपनी ने 300 करोड़ की बिक्री दर्ज की है। बाजार में इस कंपनी के द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स काफी पसंद आ रहे हैं। कंपनी द्वारा बनाई गई कैंडी पल्स को बाजार में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। महज दो साल पहले बनी इस कंपनी ने कमाई के मामले में कई बड़ी एमएनसी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। कैंडी पल्स की सफलता को देखते हुए अब इसे सिंगापुर, यूनाइडेट किंगडम और अमेरिका स्टोर्स में भी बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
साल 2015 में बाजार में आई कैंडी पल्स ने सबसे पहले अल्पेनलीबे और पारले की मैंगो बाईट को जोरदार जक्कर दी। अल्पेनलीबे पिछले दस सालों से बाजार में राज कर रही है। हालांकि कैंडी अभी भी बिक्री के मामले में अल्पेनलीबे से पीछे ही चल रही है। भारत में कैंडी का बाजार 6,600 करोड़ रुपये का हो चुका है जो 12-14% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। फिलहाल इटली की पेर्फेटी जो अल्पेनलीबे, क्लोर-टकसाल, मेन्टोस कैंडीज और हैप्टुदेंट च्यूइंग गम बनाती है, बाजार में 2,000 करोड़ रुपये की सालाना बिक्री के साथ पहले स्थान पर बनी हुई है।
एक रुपये की कीमत वाली कैंडी के बाजार में आने के आठ महिनें के अंदर ही 100 करोड़ रुपये की कमाई करके डीएस ग्रुप को भी चौका दिया था। कैंडी को बनाने वाले डीएस ग्रुप के राजनीगंदा पान मसाला, कैच मसाले और पास-पास माउथ फ्रेशनर भी बनाती है। बता दें कैंडी का स्वाद को लोग काफी पसंद करते हैं। इस टॉफी के अंदर नमक होता है। मुंह में रखने के बाद कच्चे आम का खट्टा और मीठापन घुल जाता है।
पिछले साल पार्ले ने ‘Spicy Kaccha Mango Bite’को बाजार में उतारा था। लेकिन पार्ले के प्रोडक्ट ने उम्मीद के मुताबिक बिजनैस नहीं किया और पार्ल भारतीय उपभोक्ताओं को लुभाने में नाकाम रहें। कई टॉफी कंपनियां भारतीय बाजार में काफी बड़े मौके देख रही हैं। कैंडी और कैंडी के अलावा बनाए गए प्रोडक्ट्स को काफी पसंद किया जाता है।