रेल मंत्रालय ने राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों के लिए नया फ्लेक्सी फेयर सिस्टम शुरू किया है। यह सिस्टम 9 सितंबर से प्रभावी होगा। मंत्रालय ने एक रिलीज में कहा कि हर 10 फीसदी बर्थ बिकने के बाद आधार किराया 10 प्रतिशत बढ़ जाएगा। हालांकि इसके लिए एक तयशुदा सीलिंग लिमिट रहेगी। राजधानी और दुरंतों ट्रेनों के लिए सीलिंग आधार किराए से डेढ़ गुना ज्यादा होगा, जबकि शताब्दी ट्रेनों में यह आधार किराए का 1.4 गुना होगी। मंत्रालय के मुताबिक, इन ट्रेनों में फर्स्ट एसी और एक्जीक्यूटिव क्लास के वर्तमान किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आधार किराए के अतिरिक्त रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज, कैटरिंग चार्ज, सर्विस टैक्स जैसे अन्य शुल्क अलग से वसूले जाएंगे। अगर किसी निचली क्लास का किराया ऊपरी क्लास के किराए से ज्यादा हो जाता है तो यात्री को बुकिंग के समय उच्च श्रेणी में यात्रा का विकल्प दिया जाएगा।
चार्टिंग के वक्त खाली बर्थ को तत्काल बुक (करेंट बुकिंग) करने की सुविधा मिलेगी। करेंट बुकिंग के तहत बुक किए गए टिकट उस श्रेणी में बिके आखिरी टिकट के दाम पर बेचे जाएंगे। इसके अलावा रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज, कैटरिंग चार्ज, सर्विस टैक्स जैसे चार्जेस पूरे वसूले जाएंगे। किसी खास ट्रेन के हर क्लास के टिकट का आखिरी दाम रिजर्वेशन चार्ज पर प्रिंट किया जाएगा ताकि ट्रेन के किराए में बदलाव पर चार्ज वसूला जा सके। इसका इस्तेमाल बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों से जुर्माना वसूलने में भी किया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे इन प्रमुख ट्रेनों के किराए में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती हैं। शताब्दी, राजधानी और दूरंतो ट्रेनें देश के प्रमुख शहरों से होकर चलती हैं और इनमें कंफर्म टिकट पाने के लिए मारामारी मची रहती है। ऐसे में रेलवे इसका फायदा उठाकर राजस्व बढ़ाने की सोच रहा है।

