शताब्दी, राजधानी और दूरंतो जैसे प्रीमियर ट्रेनों में खाली सीटों की समस्या से जूझ रहे रेलवे ने फ्लैक्सी फेयर किराए में कुछ बदलाव किए हैं। इससे लास्ट मिनट में टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को जेब थोड़ी कम ढीली करनी होगी और उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी। फ्लैक्सी फेयर के वर्तमान स्ट्रक्चर के चलते इन तीनों ट्रेनों में किराया बेस 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता था। नौ सितम्बर को इसकी शुरुआत की गई थी। यह प्रकिया अंतिम समय में टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से ज्यादा किराया वसूलने के लिए शुरू हुई थी जिससे रेलवे मुनाफा कमा सके। लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। जल्द ही जारी होने वाले नोटिफिकेशन के अनुसार अब 50 के बजाय बेस किराए से 40 प्रतिशत ज्यादा रुपये ही लिए जा सकेंगे। चार्ट बनने के बाद खाली बची सीटों को मूल किराए से 14 गुना ज्यादा रकम पर उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में इस तरह की सीटों से 15 गुना ज्यादा रकम वसूली जाती है।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार नौ सितम्बर से 31 अक्टूबर के बीच राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों में 5871 सीटें खाली रही थीं। एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि यदि कोई यात्री चार्ट बनने के बाद यात्रा करना चाहता है तो वह 40 प्रतिशत ज्यादा किराया देकर बर्थ ले सकता है। फ्लैक्सी किराए के तहत बची हुई प्रत्येक 10 प्रतिशत सीटों पर किराया 10 प्रतिशत बढ़ जाता है। यह नियम स्लीपर, 2एसी, एसी चेयर और 3एसी में ही लागू है। फर्स्ट एसी और एग्जीक्यूटिव क्लास में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेलवे ने अनुमान लगाया है कि फ्लैक्सी फेयर से उसे 42 राजधानी, 46 शताब्दी और 54 दूरंतो ट्रेन से 500 करोड़ रुपये की कमाई होगी।
इस तरह से काम करता है कि फ्लैक्सी फेयर सिस्टम। अगर किसी जगह का मूल किराया 100 रुपये है तो पहले 10 फीसदी टिकट 100 रुपये के बेस प्राइस पर बुक होंगे। इसके बाद राजधानी और दूरंतों के अगले 10 फीसदी टिकट 110 रुपये के आधार पर बुक होंगे। 20 फीसदी टिकट की बुकिंग के बाद अगले 10 फीसदी टिकट 120 रुपये, अगले 10 फीसदी टिकट 130 रुपये पर बुक होंगे। इसी तरह 40 फीसदी टिकट बुक होने के बाद अगले अगले 10 फीसदी टिकट की बुकिंग 140 रुपये के दर पर होगी।

